कांग्रेस के वरिष्ठ नेता द्वारा अरविंद केजरीवाल से इस्तीफे की मांग
विगत उदाहरणों का हवाला देकर कहा- नैतिकता के आधार पर तत्काल इस्तीफा द

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव से पूर्व दिल्ली शराब घोटाला मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार कर लिया और अब विपक्षी में शामिल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने अरविंद केजरीवाल से इस्तीफे की मांग की। उन्होंने विगत उदाहरणों का हवाला दिया कि कैसे एक हवाला कारोबारी जैन की कथित डायरी में लालकृष्ण आडवाणी, माधवराव सिंधिया और कमलनाथ जैसे नेताओं का नाम सामने आया और उन्होंने नैतिकता के आधार पर तत्काल प्रभाव से अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने कहा कि दिल्ली के शराब घोटाले की सच्चाई क्या है इसका फैसला अदालत को करना है। पर एक मुख्यमंत्री पर इस घोटाले में भ्रष्टाचार का आरोप लगा है। उनकी गिरफ्तारी हुई है। वे कस्टडी में है और मुख्यमंत्री के पद से अभी तक चिपके हुए हैं?
कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट शेयर कर दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल से इस्तीफे की मांग की। उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने जीवन के सबसे बड़े संकट से गुजर रहे हैं। इंसानियत के नाते उनके प्रति सहानुभूति है। कांग्रेस पार्टी ने भी उन्हें सार्वजनिक रूप से समर्थन दिया है, लेकिन वे भारतीय राजनीति में नैतिकता की जो नई परिभाषा लिख रहे हैं, उसने मुझे यह पोस्ट लिखने के लिए मजबूर कर दिया।
कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि कुछ महीने पहले की बात है, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गिरफ्तारी से पहले पद छोड़कर एक नैतिक आचरण पेश किया था। हजारों साल पीछे जाएं, तो अपने पिता के वचन के लिए राम ने राजपाट त्याग दिया था। जिसके लिए राजपाट छीना गया था, वह कभी भी राजा रामचंद्र के सिंहासन पर नहीं बैठा, बल्कि खड़ाऊं रखकर तब तक राज चलाया जब तक उनके बड़े भाई राम लौटे नहीं। भारत की ऐसी समृद्ध परंपरा रही है।
‘इस्तीफा दें केजरीवाल’
उन्होंने कहा कि दिल्ली के शराब घोटाले की सच्चाई क्या है, इसका फैसला अदालत को करना है। पर एक मुख्यमंत्री पर इस घोटाले में भ्रष्टाचार का आरोप लगा है। उनकी गिरफ्तारी हुई है। वे कस्टडी में है और मुख्यमंत्री के पद से अभी तक चिपके हुए हैं? यह कैसी नैतिकता है? उन्हें तत्काल अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए। भारत की राजनीति में महज 11 साल पुरानी पार्टी राजनीति के पूरी तरह अनैतिक हो जाने की एक मिसाल पेश कर रही है। उन्होंने कहा,