तब्बू, करीना और कृति की फिल्म ‘‘क्रू’’

‘आधी आबादी की धमक’

गुड फ्राइडे के दिन रिलीज हो रही फिल्म ‘क्रू’ हिंदी सिनेमा में उस नई स्थापना पर जोर देती फिल्म है जिसके लिए हिंदी सिनेमा की नायिकाएं बीते एक दशक या उससे भी ज्यादा समय से एड़ी चोटी का जोर लगाती रही हैं, और वह है नायकों से समानता। तो हिंदी सिनेमा की ‘धमाल’, ‘गोलमाल’, ‘हाउसफुल’ और ‘वेलकम’ जैसी हीरो प्रधान कॉमेडी फ्रेंचाइजी फिल्मों से मुकाबला करने निकली है एकता कपूर और अनिल कपूर की कंपनियों की मिलीजुली कोशिश, फिल्म ‘क्रू’।

क्रू यानी हवाई जहाज में काम करने वाले कर्मचारियों का दस्ता। कहानी तीन विमान परिचारिकाओं (एयर होस्टेस) की है। तीनों गरीब हैं। तीनों की अपनी अपनी परेशानियां हैं। तीनों देश की बदलती आर्थिक हालत से दुखी हैं और तीनों के अपराध फिल्म में यूं दिखाए जाते हैं कि जो भी वह कर रही हैं, वह ठीक है।

आर्थिक प्रबंधन पर तंज कसती फिल्म
तो जिस देश में हवाई जहाज चलाने वाली कंपनियों के बंद होते जाने का लंबा इतिहास रहा हो और जहां खूबसूरत परियों के बीच रहने वाले शहजादे जैसा एक हवाई जहाज कंपनी का मालिक अपनी सारी दौलत विदेश में ले जाकर मजे कर रहा हो, वहां एक ‘सच्ची’ सी घटना पर एक मजाकिया फिल्म बनाना आसान काम नहीं है। सिनेमा यही है। ये समाज की सच्चाई दिखाता है।

‘‘क्रू’’ के प्रमुख कलाकार
तब्बू , करीना कपूर खान , कृति सेनन , तृप्ति खामकर , कपिल शर्मा , दिलजीत दोसांझ , कुलभूषण खरबंदा और राजेश शर्मा आदि
लेखक:- निधि मेहरा और मेहुल सूरी
निर्देशक:- राजेश ए कृष्णन
निर्माता:- एकता कपूर और अनिल कपूर आदि
रिलीज:- 29 मार्च

एक टाइपकास्ट किरदार के बाद तीसरा किरदार कृति सेनन भी कम टाइपकास्ट नहीं है। उसे गरीब घर की मजबूर लड़की दिखाकर, भाई और बहन के बीच दोस्ताना दिखाकर और घर से पायलट की वर्दी पहनकर निकलने के बाद बाथरूम में वर्दी बदलता दिखाकर, फिल्म की पटकथा लिखने वाली जोड़ी ने उसे भी टाइपकास्ट कर दिया है।

बहुत चतुराई से दर्शकों को देश की असल नब्ज पकड़ाता है और खुद उनके साथ सिनेमाहाल की कुर्सियों पर बैठकर ठहाके लगाता है। हास्य और व्यंग्य की बहुत बारीक लकीर पर संतुलन बनाकर चलती निर्देशक राजेश ए कृष्णन की फिल्म ‘क्रू’ बहुत कमाल फिल्म हो, ऐसा नहीं है लेकिन ये फिल्म कोई दो घंटे का समय हंसी खुशी पार करा देती है और आज के समय में यही किसी फिल्म निर्देशक की सबसे बड़ी जीत है। विज्ञापन फिल्मों से ओटीटी सीरीज ‘ट्रिपलिंग’ के जरिये सिनेमा तक पहुंचे राजेश ए कृष्णन ने बस इन तीन कहानियों से अपनी तरफ दर्शकों का ध्यान खींचा है और इसने उनकी अगली कोशिशों के लिए उम्मीदें बनाए रखी हैं।

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