पंजाब में किसान आन्दोलन के खिलाफ व्यापारियों ने दी चेतावनी

किसान 10 दिन में शंभू से हटाएं धरना, नहीं तो करेंगे पंजाब बंद

लुधियाना/संगरूर: चार वर्ष पहले व्यापारी व कारोबारी पंजाब में किसानों का हर संघर्ष में साथ देते थे, लेकिन अब वे किसानों के धरने-प्रदर्शन से तंग आ चुके हैं। किसानों को नैतिक व आर्थिक समर्थन देने वाले कारोबारी अब उनके विरुद्ध आवाज उठाने लगे हैं। बरनाला, भदौड़ व संगरूर के बाद कारोबारियों की किसानों के खिलाफ आक्रोश की चिंगारी सुलगती हुई लुधियाना तक पहुंच चुकी है। काम-धंधा चौपट होने से निराश कारोबारियों ने किसानों को चेतावनी दी है कि अगर 10 दिन में शंभू से धरना नहीं हटाया तो वे उनके खिलाफ पंजाब बंद की घोषणा कर देंगे।

धरनों से कारोबार को पहुंच रहा नुकसान
कारोबारियों का तर्क है कि एक तरफ किसान नेता अपने आंदोलन से पंजाब की किसानी बचाने की बात करते हैं, वहीं उनके धरनों से कारोबार को जो नुकसान पहुंच रहा है, उस पर मौन हो जाते हैं।

गत 13 फरवरी से किसान पटियाला के शंभू में हरियाणा के साथ लगती सीमा पर नेशनल हाईवे पर धरना लगाए बैठे हैं और 17 अप्रैल से शंभू में ही रेल ट्रैक भी जाम कर दिया है। किसान आंदोलन के कारण दूसरे प्रदेशों के व्यापारी पंजाब आने से कतराने लगे हैं। पंजाब की वर्तमान स्थिति को देख ऑर्डर देने से भी हिचक रहे हैं।

700 से 800 करोड़ रुपए का नुकसान
इससे पंजाब के व्यापार और उद्योग जगत को प्रतिदिन करीब 700-800 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। व्यापारियों ने एलान किया कि अब अगर किसानों ने जबरन बाजार बंद करने का प्रयास किया तो उनका डटकर मुकाबला करेंगे।

व्यापार मंडल संगरूर के अध्यक्ष जसविंदर सिंह प्रिंस, संगरूर एबरोड कंसल्टेंट एसोसिएशन की कोर कमेटी के सदस्य अभयजीत सिंह ग्रेवाल व सुखदेव गांधी ने कहा कि बरनाला में हुई घटना से व्यापारियों में डर का माहौल बन गया है।

व्यापार संगठनों ने दी चेतावनी
व्यापारियों को अपना कारोबार करना भी मुश्किल हो रहा है। व्यापार संगठनों ने चेतावनी दी कि अगर किसान संगठनों की आड़ में गुंडागर्दी कर रहे किसानों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई तो वे न केवल संगरूर, बल्कि पंजाब भर के व्यापार संगठनों को साथ लेकर संघर्ष शुरू कर देंगे। पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल के जिला अध्यक्ष प्रवीण गोयल ने कहा कि किसानों के धरने देने से राज्य का हर कारोबार प्रभावित हो रहा है।

पर्यटक न आने से होटल व रेस्तरां खाली हैं। हजारों लोगों के सामने रोजगार का संकट खड़ा होने लगा है और किसानों का इस तरफ ध्यान तक नहीं जा रहा। धरने का असर जम्मू के पर्यटन पर भी पड़ा है।

बता दें किसानों के धरने के कारण वाहनों व ट्रेनों को डायवर्ट कर चलाया जा रहा है। ट्रेन पहले लुधियाना से अंबाला तीन घंटे में पहुंच जाती थी और अब आठ घंटे में भी नहीं पहुंच रही है। कई ट्रेनों को रद भी कर दिया है। इससे कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हुआ है।

कुछ संगठन पंजाब के विरुद्ध काम कर रहे: सुनील मेहरा
लुधियाना में पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल के प्रदेश महासचिव सुनील मेहरा ने कहा कि किसान आंदोलन की आड़ में कुछ संगठन पंजाब को पटरी से उतारने का काम कर रहे हैं। अगर दस दिन में समस्या हल न हुई तो बैठक कर पंजाब बंद की काल की जाएगी।

धरने के कारण पंजाब से 40 प्रतिशत घटा निर्यात: अग्रवाल
व्यापार मंडल के प्रदेश सचिव आयुष अग्रवाल ने कहा कि किसानों के धरने के कारण पंजाब से माल समय पर नहीं पहुंच रहा है। पंजाब के निर्यात में भी 40 प्रतिशत की गिरावट आई है। समय पर सामान नहीं पहुंचने के कारण विदेशी व्यापारी पंजाबी इकाइयों को ब्लैकलिस्ट कर रहे हैं।

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