CAA और राम मंदिर को लेकर UN पहुंचा पाकिस्तान
भारत ने दिया ऐसा जवाब कि हो गई बोलती बंद!

संयुक्त राष्ट्र: भारत ने संयुक्त राष्ट्र में सभी प्रकार के धार्मिक भय की कड़ी निंदा की है. यूएन में भारत की प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा, चाहे यहूदी विरोधी भावना हो, ईसाई धर्म का भय हो या इस्लामोफोफिया हो, सभी के खिलाफ भारत कड़ाई के साथ खड़ा है. रुचिरा ने कहा, हिंदू, बौद्ध और सिख विरोधी भावनाएं बढ़ी हैं, मठ-मंदिरों और गुरुद्वारों पर हो रहे हमले इनके उदाहरण हैं. संयुक्त राष्ट्र में इस्लामोफोबिया से निपटने के उपाय पर प्रस्ताव पारित होने के बाद रुचिरा कंबोज बोल रही थीं.
रुचिरा कंबोज ने कहा, भारत बहुलवाद को बढ़ावा देने वाला देश है. भारत सभी धर्मों और आस्थाओं को समान रूप से संरक्षण देता है, विकास और प्रचार के लिए समान रूप से अवसर देता है. रुचिरा ने कहा, ऐतिहासिक रूप से भारत सभी धर्मों को एक साथ लेकर चल रहा है. धार्मिक आधार पर सताए हुए लोगों को भारत हमेशा से संरक्षण देने वाला देश रहा है. सताए हुए लोगों के लिए भारत एक शरणस्थली के रूप में जाना जाता है.
यूएन में पाकिस्तान ने CAA और राम मंदिर के विरोध में भारत के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया था, जिसमें 115 देशों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया. किसी भी देश ने इस प्रस्ताव का विरोध नहीं किया, जबकि भारत, ब्राजील, फ्रांस, जर्मनी, इटली, यूक्रेन और यूके सहित 44 देशों ने मतदान में भाग नहीं लिया. इसी के बाद भारत की राजदूत रुचिरा कंबोज ने भारत की धार्मिक स्थिति को स्पष्ट किया. कंबोज ने कहा, पाकिस्तान इस महासभा में भ्रामक तथ्यों को पेश करके सदस्यों को गुमराम कर रहा है. पाकिस्तान के प्रस्ताव पर विचार करने पर कंबोज ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया.
धार्मिक हिंसा के बढ़े मामले
संयुक्त राष्ट्र में रुचिरा ने कहा, भारत जैसे हिंदू, सिख और बौद्ध विरोधी भावनाओं के खिलाफ खड़ा है, उसी तरह से भारत सभी प्रकार के धार्मिक भय के खिलाफ खड़ा है. भारत ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की विचारधारा को लेकर चलने वाला देश है. भारत दुनिया के सभी धर्मों का सम्मान करता है और दुनिया को अपने परिवार के नजर से देखता है. यूएन में भारत की प्रतिनिधि ने कहा, आज हमारी दुनिया भू राजनीतिक तनाव और असमान विकास का सामना कर रही है, जिसके परिणाम स्वरूप असहिष्णुता, भेदभाव और हिंसा में चिंताजनक वृद्धि हुई है.