उपराष्ट्रपति द्वारा राज्यपाल के जीवन पर आधारित पुस्तक का विमोचन
योगी से पूछा. क्या मैं आपको युवा मुख्यमंत्री कह सकता हूं?

लखनऊ : राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बृहस्पतिवार को कहा कि राजनीति में आना उनके जीवन का ‘टर्निंग प्वाइंट’ था और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उन्हें सियासत में लेकर आये थे। राज्यपाल ने यहां अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय में अपने जीवन पर आधारित पुस्तक ‘चुनौतियां मुझे पसंद हैं’ के विमोचन के अवसर पर यह बात कही। विनोद जोशी, अशोक देसाई और पंकज साहनी द्वारा लिखित इस पुस्तक का उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने विमोचन किया।
राज्यपाल ने कहा, ”यह पुस्तक मेरे जीवन में आयी चुनौतियों, परिश्रम और आत्मबल का लेखा-जोखा है। इसमें मेरी भावनाओं, संघर्षों और अनुभवों की यात्रा है। इसके माध्यम से मेरा यह प्रयास रहा है कि मैं उन संघर्षों को साझा कर सकूं जो शायद किसी और के जीवन में आशा की एक किरण बने, किसी थके हुए यात्री को संबल दे या किसी युवा को यह विश्वास दे कि इच्छाशक्ति प्रबल हो तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता।”
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ गुरुवार को उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के जीवन पर आधारित पुस्तक के विमोचन अवसर पर मजाकिया अंदाज में भी नजर आये। उनकी मजाक भरी टिप्पणियों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खिलाखिलाकर हंस पड़े। वहीं, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल तथा वहां मौजूद ज्यादातर लोग भी अपनी हंसी नहीं रोक पाये।
‘मैंने चुनौती के साथ सात फेरे ले लिये’
धनखड़ ने राज्यपाल के जीवन पर आधारित पुस्तक ‘चुनौतियां मुझे पसंद हैं’ का विमोचन करने के बाद इसके शीर्षक का जिक्र करते हुए अपनी पत्नी सुदेश धनखड़ की तरफ इशारा किया और चुटकी ली। उन्होंने कहा, ”आपने (राज्यपाल आनंदीबेन पटेल) अपनी किताब का शीर्षक रखा है, चुनौतियां मुझे पसंद हैं। एक फरवरी 1979 को मैंने चुनौती से सात फेरे ले लिए। साथ जीवन जीने का वादा कर लिया। चुनौती के साथ रहने की मेरे को आदत है।” उपराष्ट्रपति ने कहा, ”मैंने तो खुद चुनौती को स्वीकार किया है। मैं चुनौती के साथ रहता हूं। हर कार्यक्रम में चुनौती को अपने पास रखता हूं।”
योगी से पूछा- क्या मैं आपको युवा मुख्यमंत्री कह सकता हूं?
इस पर कार्यक्रम में मौजूद मुख्यमंत्री आदित्यनाथ खिलखिलाकर हंस पड़े और राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना और अन्य लोग भी अपनी हंसी नहीं रोक सके। उन्होंने मुख्यमंत्री से भी पूछा, ”क्या मैं आपको युवा मुख्यमंत्री कह सकता हूं? आजकल तो आपसे ज्यादा उम्र के लोग भी खुद को युवा कहते हैं, तो मैं समझता हूं कि मैं आपको युवा मुख्यमंत्री कह सकता हूं।”
अनार पटेल से की राज्यपाल की तारीफ
राज्यपाल ने अपने सम्बोधन में कहा कि उनकी किताब की कीमत 500 रुपये है और यह किसी को मुफ्त नहीं मिलेगी और इससे मिलने वाला धन जरूरतमंद बच्चों की शिक्षा पर खर्च किया जाएगा। राज्यपाल की इस बात का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा, ”राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अभी थोड़ी देर पहले मुझसे कहा कि मेरी किताब आपको भी मुफ्त में नहीं मिलेगी। महामहिम राज्यपाल आनंदीबेन पटेल जी, मुझे मुफ्त में कोई भी चीज लेने की आदत नहीं है।”