भारतीय सेना को ‘स्वीडिश एंटी.आर्मर हथियार प्रणाली’ की पहली खेप मिली

भारत की AT-4 से थर्राया दुश्मन, रूस भी हैरान

नई दिल्ली : भारत-पाकिस्तान से तनाव के बीच भारत ने अपनी ताकत बढ़ा ली है। स्वीडिश कंपनी साब ने भारतीय सेना को एटी-4 एंटी-आर्मर हथियार प्रणाली की पहली खेप सौंप दी है। यह हल्का, पोर्टेबल, और घातक हथियार है। यह यूक्रेन युद्ध में रूसी टैंकों का काल साबित हुआ है। यह भारत की आतंकवाद विरोधी रणनीति में अहम भूमिका निभाएगा।

साब के बिजनेस एरिया डायनामिक्स के प्रमुख गोरगेन जोहानसन ने कहा, हमें गर्व है कि भारतीय सशस्त्र बल ने अपनी सिंगल-शॉट हथियार की जरूरत के लिए भी साब को चुना है। भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना को इस बात का भरोसा हो सकता है कि उनके पास उन्हें बढ़त दिलाने के लिए आवश्यक मारक क्षमता है।

इतना ही नहीं, एटी-4 के अलावा भारत ने रूस से एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम की तीन स्क्वाड्रन तैनात की हैं और अग्नि-5 मिसाइल के एमआईआरवी वैरिएंट का परीक्षण किया है। रूस ने भारत को आर-37एम हाइपरसोनिक मिसाइल की पेशकश भी की है। ये कदम भारत की पारंपरिक और आधुनिक युद्ध क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में हैं। इस मिसाइल का इस्तेमाल भारत आतंकियों के खिलाफ अभियान में जरूर करेगा। इससे भारत की ताकत में और इजाफा होगा।

भारत ने ऐसे वक्त में अपनी सैन्य क्षमता को और मजबूत किया है, जब सीमा पर पाकिस्तान संग तकरार बरकरार है। भारत पहलगाम टेरर अटैक के गुनहगारों और पनाहगारों को सजा देने की तैयारी में है। खौफजदा पाकिस्तान का कहना है कि अगले 24 से 36 घंटे में भारत कभी भी मिलिट्री एक्शन ले सकता है।

पाकिस्तान के साथ तनाव का ताजा कारण कश्मीर के पहलगाम में हुआ आतंकी हमला है। इस टेरर अटैक में 26 लोगों की मौत हो गई। आतंकियों ने धर्म पूछकर गोलियों से मारा। इसे लेकर भारत में गुस्सा सातवें आसमान पर है। इस हमले के पीछे पाकिस्तान और लश्कर है। ऐसे में एटी 4 की डिलीवरी भारत के लिए रणनीतिक रूप से अहम है, खासकर कश्मीर जैसे क्षेत्रों में आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए।

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