फर्जी वारंट की खतरनाक साजिश, लखीमपुर पुलिस की लापरवाही….

दो भाइयों को गिरफ्तार कर कोर्ट पहुची पुलिस, तो हुआ खुलासा

लखनऊ : लखीमपुर के गोला छोटेलालपुर निवासी दो भाइयों प्रेमचंद्र और मुन्नालाल के नाम से फर्जी गैर जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) जारी कर डाक के माध्यम से पुलिस अधीक्षक को भेजा गया। खीरी पुलिस दोनों को गिरफ्तार कर कोर्ट पहुंची तो पता चला एनबीडब्ल्यू फर्जी है। इस मामले में सिविल कोर्ट में तैनात कार्यालय लिपिक शुभम कुमार ने अज्ञात लोगों के खिलाफ वजीरगंज थाने में धोखाधड़ी और जाली दस्तावेज बनाने का केस दर्ज कराया है।

शिकायतकर्ता के मुताबिक 29 अप्रैल को गोला थाने से दो सिपाही विशाल गौतम और पंकज कुमार सगे भाई प्रेमचंद्र और मुन्नालाल को गिरफ्तार कर कोर्ट पहुंचे। सिपाहियों ने बताया कि सगे भाइयों के खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी था। कोर्ट ने अभिलेख चेक किए तो पता चला कि ऐसा कोई वारंट जारी ही नहीं किया गया था।

जांच में यह भी पता चला कि जालसाजों ने नगराम थाने में दर्ज केस नंबर 345/24 और हजरतगंज थाने में दर्ज केस नंबर 25/24 में दोनों भाइयों प्रेमचंद्र और मुन्नालाल को आरोपी बताया था। हालांकि, पड़ताल में सामने आया कि दोनों के खिलाफ कोई केस ही नहीं दर्ज है। दोनों थानों के फर्जी केस को आधार बनाकर जाली गैर जमानती वारंट जारी किया गया था।

“सोचिए… एक सुबह पुलिस आपके घर पहुंचे… आपको गिरफ्तार करे… और आपसे कहा जाए… ‘आपके खिलाफ गैर-जमानती वारंट है।’ आप चौंक जाएं, घबरा जाएं क्योंकि आपने न तो कोई अपराध किया है, न ही कोई मुकदमा है। आप खुद सोच में पड़ जाएं… क्या ये कोई सपना है या साजिश?” असली झटका तब लगता है… जब कोर्ट में जाकर पता चलता है… वो वारंट, जिसके नाम पर आपकी आजादी छीनी गई वो ही फर्जी था!

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