यूपी में रेस्टोरेंट और मिठाई की दुकान को लेकर सीएम योगी का सख्त आदेश

खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम के मुताबिक लाइसेंस/रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में अब कोई भी रेस्टोरेंट, ढाबा, मिठाई की दुकान, फास्ट फूड सेंटर, पैकेज्ड फूड बनाने वाली यूनिट या सड़क किनारे खाने-पीने का सामान बेचने वाला व्यक्ति बिना रजिस्ट्रेशन या लाइसेंस के कारोबार नहीं कर पाएगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग पूरे प्रदेश में एक बड़ा अभियान चला रहा है, जिसका मकसद है कि प्रदेश के हर खाद्य व्यवसाय को खाद्य सुरक्षा मानकों के दायरे में लाया जाए.

यह अभियान अप्रैल के पहले हफ्ते में शुरू किया गया था, जिसकी अवधि अब बढ़ाकर 31 मई 2025 कर दी गई है. इस दौरान प्रदेश के सभी जिलों में खाद्य सुरक्षा अधिकारी विशेष कैंप लगाकर खाद्य कारोबारियों का रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस बनवा रहे हैं. सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि कोई भी खाद्य व्यवसाय बिना वैध दस्तावेज के न चले.

क्यों जरूरी है फूड लाइसेंस?
खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम (FSSAI) के मुताबिक, जो भी व्यक्ति खाद्य सामग्री बेचता है, बनाता है, पैक करता है या परोसता है, उसे लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है. इससे उपभोक्ताओं को सुरक्षित, मिलावट रहित और गुणवत्तापूर्ण खाद्य उत्पाद मिलते हैं. प्रदेश सरकार को यह जानकारी मिली थी कि कई छोटे-बड़े खाद्य कारोबारी अब भी बिना लाइसेंस के काम कर रहे हैं, जिससे जनता के स्वास्थ्य पर खतरा बना रहता है. ऐसे में यह विशेष अभियान न सिर्फ जनहित में है, बल्कि खाद्य कारोबारियों को भी सरकार की योजनाओं से जोड़ने का रास्ता खोलेगा.

ढाबा, ठेला, मिठाई दुकान, सब होंगे शामिल
सरकार इस अभियान में सिर्फ बड़े रेस्टोरेंट ही नहीं, बल्कि छोटे ढाबे, चाय की दुकान, नमकीन या मिठाई बनाने वाली यूनिट, सड़क किनारे ठेले-पटरी वाले तक को शामिल कर रही है. अब तक हजारों नए पंजीकरण हो चुके हैं और यह संख्या लगातार बढ़ रही है.

बिना लाइसेंस कारोबार पर होगी सख्त कार्रवाई
खाद्य सुरक्षा विभाग ने साफ कर दिया है कि 31 मई के बाद जो भी बिना रजिस्ट्रेशन या लाइसेंस के खाद्य व्यापार करता पकड़ा गया, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इसमें जुर्माना, दुकान सील और खाद्य सामग्री की जब्ती जैसे कदम भी शामिल हैं.

सीएम योगी की सख्त चेतावनी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि हर जिले में रजिस्ट्रेशन अभियान की दैनिक मॉनीटरिंग हो और किसी भी सूरत में बिना पंजीकरण खाद्य कारोबार न चले. सरकार का मकसद न केवल जनता को सुरक्षित भोजन देना है, बल्कि फूड इंडस्ट्री को व्यवस्थित और नियमन के तहत लाना भी है. यह अभियान प्रदेश के खाद्य व्यापारियों के लिए एक अवसर भी है कि वे कानूनी रूप से रजिस्टर्ड होकर अपना कारोबार बढ़ा सकें और जनता को बेहतर सेवा दे सकें.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button