जापान के प्रधानमंत्री से मिले पीएम मोदी

G7 शिखर सम्मेलन: G7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए कनानास्किस पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कनाडा के पीएम मार्क कार्नी ने स्वागत किया। यह समिट ऐसे समय पर हो रहा है जब दुनिया में एक तरफ रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है तो दूसरी तरफ इजरायल और ईरान के बीच जंग चल रही है। पीएम मोदी ने कनाडा के कनानास्किस में G7 शिखर सम्मेलन से इतर दक्षिण कोरिया, मेक्सिको, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, ब्रिटेन के साथ-साथ इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी से मुलाकात की है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान वैश्विक नेताओं के साथ ग्रुप फोटो जारी करते हुए सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा: “वैश्विक प्रगति के लिए एक साथ! प्रमुख वैश्विक चुनौतियों और बेहतर ग्रह के लिए साझा आकांक्षाओं पर जी7 नेताओं के साथ उपयोगी आदान-प्रदान।”

मोदी-कार्नी के बीच हुई अहम वार्ता
प्रधानमंत्री कार्नी और प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों देशों में नागरिकों और व्यवसायों को नियमित सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से नए उच्चायुक्तों को नियुक्त करने पर सहमति व्यक्त की। नेताओं ने आपसी सम्मान, कानून के शासन और संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सिद्धांत के प्रति प्रतिबद्धता पर आधारित कनाडा-भारत संबंधों के महत्व पर जोर दिया।

जापान के प्रधानमंत्री से मिले पीएम मोदी
G7 समिट में जापान के प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा: “कनाडा में G7 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के साथ उपयोगी विचार-विमर्श हुआ। भारत और जापान विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

G7 के मंच से जारी हुआ वाइल्डफायर चार्टर
वाइल्डफायर चार्टर में लिखा है, “हम जंगल की आग की घटनाओं और नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए एकीकृत कार्रवाई करके जंगल की आग को रोकने, उससे लड़ने और उससे उबरने के लिए वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देने का संकल्प लेते हैं और जरूरत पड़ने पर एक-दूसरे और भागीदारों की मदद करने के लिए अपनी तत्परता सुनिश्चित करते हैं। हम जंगल की आग की घटनाओं को रोकने और कम करने के लिए कदम उठाएंगे- पूरे समाज के दृष्टिकोण को अपनाकर, शमन और अनुकूलन कार्यों को लागू करके, जंगल की आग के विभिन्न कारणों और उन्हें रोकने के उपायों के बारे में जागरूकता बढ़ाएंगे।

भारत-इटली की दोस्ती और मजबूत होगी
G7 समिट में पीएम मोदी से मुलाकात पर इटली की पीएम जोर्जिया मेलोनी ने खास संदेश दिया। जिसके जवाब में पीएम मोदी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह उनकी बातों से पूरी तरह सहमत हैं। मेलोनी के पोस्ट पर जवाब देते हुए पीएम मोदी ने लिखा कि मैं आपसे पूरी तरह सहमत हूं, प्रधानमंत्री मेलोनी। भारत और इटली की दोस्ती लगातार मजबूत हो रही है और इसका फायदा दोनों देशों की जनता को मिलेगा।

G7 सम्मेलन में ‘क्रिटिकल मिनरल्स एक्शन प्लान’ लॉन्च
G7 सम्मेलन में सदस्य देशों ने ‘क्रिटिकल मिनरल्स एक्शन प्लान’ की शुरुआत की। इसका मकसद जरूरी खनिजों (जैसे लिथियम, कोबाल्ट, निकेल आदि) के लिए पारदर्शी और मानकों पर आधारित वैश्विक बाजार बनाना है। यह खनिज इलेक्ट्रिक गाड़ियों, बैटरियों और ग्रीन एनर्जी टेक्नोलॉजी के लिए बेहद अहम माने जाते हैं। इसकी लॉन्चिंग के बाद G7 देशों के नेताओं ने संयुक्त बयान में कहा कि हम अनुसंधान और विकास में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए सहयोग तेज करेंगे, खासतौर पर खनिजों की प्रोसेसिंग, लाइसेंसिंग, रीसायक्लिंग, उनके विकल्प ढूंढने, उत्पादों के फिर से डिज़ाइन और सर्कुलर इकोनॉमी जैसे क्षेत्रों में। G7 देश नई तकनीकों और उत्पादन प्रक्रियाओं को दिखाने के लिए सहयोगी संगठनों के साथ भी काम करेंगे।
G7 नेताओं का प्रवासी तस्करी पर संयुक्त वक्तव्य
G7 नेताओं ने प्रवासी तस्करी का मुकाबला करने पर एक संयुक्त वक्तव्य जारी किया। इसमें लिखा है, “हम, G7 के नेता, प्रवासियों की तस्करी को रोकने और उसका मुकाबला करने के लिए प्रवासी तस्करी और मानव तस्करी दोनों से लाभ उठाने वाले अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध समूहों को खत्म करने के लिए दृढ़ संकल्प हैं। प्रवासी तस्करी का अक्सर अन्य गंभीर आपराधिक अपराधों से संबंध होता है, जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग, भ्रष्टाचार और मानव और ड्रग्स की तस्करी शामिल है, जो हमारे समुदायों की सुरक्षा को खतरे में डालती है। यह तस्करी के शिकार लोगों को गंभीर और जानलेवा जोखिमों का सामना करा सकता है, जिसमें शारीरिक शोषण, यौन और लिंग आधारित हिंसा, जबरन वसूली, श्रम शोषण और जबरन श्रम और अपराध शामिल हैं।”

G7 के मंच से जारी हुआ संयुक्त बयान
G7 शिखर सम्मेलन के दौरान G7 देशों (अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली और जापान) के नेताओं ने एक संयुक्त बयान जारी कर अंतरराष्ट्रीय दमन (ट्रांसनेशनल रेप्रेशन) को लेकर गहरी चिंता जताई है। G7 नेताओं ने इसे एक खतरनाक तरीका बताया जिसमें कोई देश या उसके एजेंट दूसरे देशों में रह रहे लोगों को डराने, परेशान करने, नुकसान पहुंचाने या दबाव डालने की कोशिश करते हैं। यह अक्सर उन लोगों के खिलाफ किया जाता है जो सरकार की आलोचना करते हैं, जैसे कि पत्रकार, मानवाधिकार कार्यकर्ता, धार्मिक अल्पसंख्यक और प्रवासी समुदायों के सदस्य।

कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने क्या कहा?
प्रधानमंत्री मोदी के साथ अपनी बैठक के दौरान, कनाडाई प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने कहा, “G7 में आपकी मेजबानी करना मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है…यह आपके देश के महत्व, आपके नेतृत्व और उन मुद्दों के महत्व का प्रमाण है, जिनसे हम मिलकर निपटना चाहते हैं, ऊर्जा सुरक्षा से लेकर ऊर्जा परिवर्तन तक, जिसकी अगुआई में आप मदद कर रहे हैं, कृत्रिम बुद्धिमत्ता के भविष्य तक, अंतरराष्ट्रीय दमन के खिलाफ हमारी लड़ाई, आतंकवाद के खिलाफ अन्य कारकों के खिलाफ लड़ाई और वह काम जो हम मिलकर कर सकते हैं। आपका यहां होना मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है।”

क्या बोले पीएम मोदी?
कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के साथ बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “मैं आपका बहुत आभारी हूं कि आपने भारत को G7 में आमंत्रित किया और मेरा सौभाग्य है कि कि मुझे 2015 के बाद एक बार फिर कनाडा आकर कनाडा के लोगों से जुड़ने का अवसर मिला है।”

 

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