छांगुर बाबा पर ईडी की कार्रवाई तेज : धर्मांतरण के साथ 200 करोड़ की बेनामी संपत्ति
धर्मांतरण के साथ विदेशी फंडिंग से करोड़ों की संपत्ति

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के जलालुद्दीन करुमुल्ला उर्फ छांगुर बाबा दाढ़ीवाले पर दर्जनों लड़के-लड़कियों को धर्मांतरण के जाल में फंसाने का आरोप है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि बाबा ने विदेशी फंडिंग के जरिए करोड़ों रुपये की बेनामी और नामी-बीनी संपत्तियां बनाई हैं. छांगुर बाबा और उसके सहयोगियों ने महाराष्ट्र के पुणे और मुंबई में भी कई संपत्तियां खरीदी हैं, जिनकी जांच इनकम टैक्स, फेमा और ED की टीम मिलकर कर रही है.
पुणे के मावल तहसील में छांगुर बाबा और उसके साथी नवीन रोहरा ने आदिवासियों से 16 करोड़ की जमीन खरीदी, जिसकी मौजूदा कीमत करीब 200 करोड़ रुपये है. इस सौदे के आधे लाभ का अधिकार बाबा और रोहरा को है, जबकि बाकी हिस्से का बंटवारा अन्य सहयोगियों में है. इस जमीन सौदे के एमओयू की कॉपी मीडिया के पास भी मौजूद है. जांच के दौरान यह भी पता चला कि शुरुआती भुगतान करीब 49.80 लाख रुपए विदेशी फंडिंग से हुआ, जो छांगुर बाबा के करीबी फ्रंटमैन नवीन रोहरा के नाम पर दर्ज था.
धर्मांतरण के साथ विदेशी फंडिंग से करोड़ों की संपत्ति
ED ने छांगुर बाबा और सहयोगियों पर 300 करोड़ से अधिक की बेनामी संपत्ति रखने का आरोप लगाया है. पुणे में तीन आलीशान फ्लैट, एक ट्रस्ट और 40 बैंक खातों में 106 करोड़ रुपए की संदिग्ध राशि मिली है, जिनमें से 18 खातों में तीन महीने में 68 करोड़ रुपए का लेनदेन हुआ, जिसमें 7 करोड़ विदेशी चंदा भी शामिल था. जमीन सौदे के एमओयू में यह भी शर्त थी कि यदि जमीन 8 जुलाई 2024 तक न बिकी, तो पूरी रकम लौटानी होगी, जिससे छुपा निवेश करने का मामला भी सामने आया.
200 करोड़ की जमीन रैकेट पकड़ी गई
जांच में यह भी पता चला कि छांगुर बाबा ने धार्मिक छल और हनी ट्रैप के जरिए हजारों लोगों को धर्मांतरण के लिए मजबूर किया. STF और ED की संयुक्त जांच में यह भी सामने आया कि बाबा और उसके साथी गुप्त कोडवर्ड्स का इस्तेमाल कर धर्मांतरण रैकेट चलाते थे. जैसे “प्रोजेक्ट” का मतलब युवतियों को टारगेट करना, “मिट्टी पलटना” का अर्थ धर्मांतरण और “काजल लगाना” का मतलब मानसिक प्रभाव डालना था.
यह गिरोह यूपी, महाराष्ट्र, दिल्ली समेत कई राज्यों में सक्रिय था. छांगुर बाबा का नेटवर्क उसकी विश्वासपात्र नीतू उर्फ नसरीन और पति नवीन रोहरा के माध्यम से संचालित होता था. नीतू ने 2015 में इस्लाम अपनाया और महिलाओं को धर्मांतरण के लिए प्रेरित करना शुरू किया, जबकि रोहरा आर्थिक सहायता के बदले दबाव बनाता था. ED ने रोहरा के UAE के 19 दौरे ट्रैक किए हैं, जो हवाला नेटवर्क या अंतरराष्ट्रीय फंडिंग से जुड़े हो सकते हैं.
छांगुर बाबा मनी लॉन्ड्रिंग में भी लिप्त
ईडी सूत्रों के अनुसार, धर्मांतरण के नाम पर देशभर में फैले एक संगठित रैकेट का पर्दाफाश हो गया है, जिसका सरगना कोई और नहीं बल्कि स्वयंभू ‘बाबा’ जलालुद्दीन शाह उर्फ छांगुर बाबा है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) और उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की संयुक्त जांच में यह खुलासा हुआ है कि बाबा न केवल धार्मिक छल और हनी ट्रैप के जरिए हजारों लोगों को धर्मांतरण के लिए मजबूर करता था, बल्कि विदेशी चंदे और बेनामी जमीन सौदों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग में भी लिप्त था.
अप्रैल 2025 में नवीन रोहरा और जून 2025 में छांगुर बाबा, उसकी पत्नी और बेटे को गिरफ्तार किया गया. बाबा पर गैर-जमानती वारंट था और उस पर 50,000 रुपए का इनाम भी घोषित था. गिरफ्तारी के बाद उसकी कई संपत्तियों पर बुलडोजर कार्रवाई भी हुई. कई पीड़ितों ने आरोप लगाया कि उन्हें धमकाकर, लालच देकर और धमकी देकर धर्मांतरण के लिए मजबूर किया गया.