लोकसभा चुनाव: लद्दाख में ताशी ग्यालसन भाजपा के उम्मीदवार घोषित

जम्मू/लेह: लद्दाख लोकसभा सीट पर भाजपा ने मंगलवार को उम्मीदवार की घोषणा कर दी है। ताशी ग्यालसन को इस बार भाजपा ने लद्दाख सीट पर प्रत्याशी घोषित किया है। वर्तमान लद्दाख सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल का टिकट पार्टी की तरफ से कट गया है। जम्मू की दो सीटों के साथ ही लद्दाख पर भी भाजपा ने अपना प्रत्याशी उतार दिया है। लेकिन कश्मीर की तीन सीटों पर अब तक भाजपा ने किसी उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है।

एडवोकेट ताशी ग्यालसन वर्तमान में लद्दाख पहाड़ी स्वायत्त विकास परिषद (एलएएचडीसी) लेह के अध्यक्ष हैं। इस बार संसदीय सीट के वह प्रबल दावेदार माने जा रहे थे और आखिरकार भाजपा ने उनके नाम पर मुहर लगा दी है। मार्च के पहले सप्ताह में लद्दाख संसदीय सीट के लिए बुलाई गई एक अहम बैठक में आंतरिक मतदान कर तीन उम्मीदवारों के पैनल को अंतिम रूप दिया गया था।

इसमें वर्तमान सांसद जामयांग त्सेरिंग नामग्याल, एलएएचडीसी लेह अध्यक्ष ताशी ग्यालसन और चा निर्वाचन क्षेत्र के पार्षद स्टैजिन लाकपा का नाम शामिल था। इनमें से ताशी को प्रत्याशी घोषित कर दिया गया है। सूत्रों के अनुसार, मौजूदा सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल की घटती लोकप्रियता के चलते पार्टी ने यह कदम उठाया है।

370 पर भाषण को लेकर पॉपुलर हुए थे नामग्याल
जामयांग त्सेरिंग नामग्याल साल 2019 में लद्दाख सीट से भाजपा के टिकट पर लोकसभा का चुनाव जीते थे। जब केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से 370 को खत्म किया और लद्दाख को अलग केंद्रशासित प्रदेश बनाया था तब संसद में नामग्याल ने विपक्षी दलों पर भड़कते हुए भाषण दिया था। इस भाषण में उन्होंने जम्मू-कश्मीर व लद्दाख के इतिहास, वर्तमान हालात समेत विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष पर बड़ा हमला किया था।

लद्दाख में कब है चुनाव?
चुनाव आयोग के शेड्यूल के मुताबिक, लोकसभा चुनाव 2024 का आयोजन कुल 7 चरणों में किया जा रहा है। पहले चरण का चुनाव 19 अप्रैल को समाप्त हो चुका है और दूसरे चरण का चुनाव 26 अप्रैल को आयोजित होगा। वहीं, लद्दाख की सीट पर चुनाव का आयोजन पांचवें चरण में 20 मई, 2024 को होगा।

1967 से अब तक हुए चुनाव में छह बार कांग्रेस, दो बार नेकां, तीन बार निर्दल तथा दो बार ही भाजपा जीती है। भाजपा यहां 2014 से जीत रही है, जबकि कांग्रेस ने आखिरी बार 1996 में यहां जीत हासिल की थी। 1998 व 1999 में नेकां को जीत मिली थी, लेकिन बाद के दो चुनाव 2004 व 2009 में निर्दलीय संसद तक पहुंचे थे।

नेकां ने इस बार कांग्रेस के लिए छोड़ी सीट
मौजूदा लोकसभा चुनाव में भी नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) ने समझौते के तहत कांग्रेस के लिए यह सीट छोड़ दी है। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में कांग्रेस-नेकां मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। जम्मू और लद्दाख में कांग्रेस के खाते में और कश्मीर की तीन सीट नेकां के हिस्से में दी गई है। लद्दाख सीट पर मतदान पांचवे चरण में 20 मई को होना है।

आंदोलन के चलते तीसरा मोर्चा भी ले रहा आकार
राज्य के दर्जे तथा छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर आंदोलनरत लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) संयुक्त रूप से मैदान में उतरने की तैयारी में है। सोनम वांगचुक के नेतृत्व में राज्य के दर्जे के लिए अनशन करने वालों तथा एलएबी और केडीए की ओर से चुनाव में संयुक्त प्रत्याशी उतारने पर विचार चल रहा है ताकि वह अपनी बात संसद में मजबूती के साथ रख सकें।

इसके लिए उनके बीच प्रत्याशी को लेकर विचार शुरू हो गया है। सूत्रों का कहना है कि सज्जाद कारगिली, कारगिल हिल कौंसिल के सीईसी डॉ. आखून के नामों पर मंथन किया गया है। हालांकि, इस पर अभी कोई ठोस फैसला नहीं हो सका है।

2019 में जम्मू कश्मीर से अलग कर लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है। लद्दाख में दो जिले हैं, कारगिल और लेह। दोनों जिलों में एक-एक लद्दाख पहाड़ी स्वायत्त विकास परिषद (एलएएचडीसी) हैं। इनमें से एलएएचडीसी लेह पर भाजपा का दबदबा और एलएएचडीसी कारगिल पर नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) का कब्जा है।

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