ऑस्ट्रियाई रक्षा विशेषज्ञ ने भारत को करार दिया विजेता

कहा: एक और वार से नेस्तनाबूद हो जाता पाकिस्तान

(रिपोर्ट) जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर पाकिस्तान को मुहंतोड़ जवाब दिया। 7 मई की अल-सुबह शुरू हुए इस अभियान में पाकिस्तान के सौ से अधिक आतंकवादी मारे गए। इतना ही नहीं पाकिस्तानी सेना को भी भारत की कार्रवाई में जबरदस्त नुकसान हुआ।

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर पाकिस्तान को मुहंतोड़ जवाब दिया। 7 मई की अल-सुबह शुरू हुए इस अभियान में पाकिस्तान के सौ से अधिक आतंकवादी मारे गए। इतना ही नहीं पाकिस्तानी सेना को भी भारत की कार्रवाई में जबरदस्त नुकसान हुआ। इसके बाद जब पाकिस्तान ने भारी गोलाबारी कर एक बार फिर भारत को उकसाने कीकोशिश की तो उसे फिर से माकूल जवाब मिला और वायुसेना ने 10 मई आते-आते पाकिस्तान के कई एयरबेस तबाह कर दिया।

इस पूरे घटनाक्रम में एक मौका तो ऐसा आ गया, जब भारत ने पाकिस्तान का परमाणु भंडारण क्षेत्र माने जाने वाली किराना हिल्स को निशाना बनाने के साफसंकेत देते हुए सरगोधा एयरबेस को भारी नुकसान पहुंचाया। इस पूरे घटनाक्रम के बावजूद दुनियाभर में भारत-पाकिस्तान संघर्ष के विजेता को लेकर चर्चा जारी है। ऑस्ट्रिया के जाने-माने एविएशन एनालिस्ट टॉम कूपर ने इस पूरे संघर्ष का परत-दर-परत विश्लेषण किया है और भारत को स्पष्ट विजेता बताया है।

कूपर के मुताबिक, भारत की तरफ से अल-सुबह पाकिस्तान पर कार्रवाई की गई। पाकिस्तान पर इसके बाद दोबारा हमला करने का दबाव बनने लगा। आखिरकार पाकिस्तानी सशस्त्र बलों ने कई अटैक ड्रोन्स लॉन्च किए। इनकी पहचान यीहा-III और सोंगर ड्रोन्स के तौर पर की गई। इसके अलावा पाकिस्तान ने फतेह-1 मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर के जरिए रॉकेट भी दागे, जिनकी रेंज 120-140 किमी तक होती है।

कूपर का कहना है कि भारत ने पाकिस्तान पर जवाबी कार्रवाई के इरादे से 160 हैरोप अटैक ड्रोन्स भेजे, जो कि उसने इस्राइल से खरीदे हैं। पाकिस्तान यह दावा कर सकता है कि उसने इन हैरोप को मार गिराया, लेकिन सच्चाई यह है कि कई हैरोप ड्रोन्स ने रावलपिंडी में पाकिस्तानी सेना के मुख्यालय को निशाना बनाया। कुछ हैरोप तो पाकिस्तानी सेना के कोर को भी निशाना बनाने में कामयाब रहे।

इन ड्रोन्स ने चीन की एचक्यू-9 सर्फेस-टू-एयर मिसाइल ऑपरेट करने वाली बटालियन को भी निशाना बनाया। लाहौर में तो एक टुकड़ी को बुरी तरह नुकसान हुआ। इसके अलावा कराची की सुरक्षा के लिए तैनात एचक्यू-9 बटालियन को भी भारी नुकसान हुआ। पाकिस्तान को इन हैरोप ड्रोन्स का सामना करने के लिए अपने एफ-16 तक इस्तेमाल करने पड़े।

(ऑस्ट्रिया के जाने-माने एविएशन एनालिस्ट हैं टॉम कूपर ) साभार प्रकाशित

 

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