कुलगाम मुठभेड़ में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता, 10 लाख के इनामी बासित डार सहित दो आतंकी ढेर

श्रीनगर: पुलिसकर्मियों और नागरिकों की हत्या के कई मामलों में शामिल लश्कर-ए-तैयबा शाखा टीआरएफ के एक शीर्ष ‘कमांडर’ सहित दो आतंकवादी मुठभेड़ में मारे गए। सुरक्षाबलों के साथ हुई मुठभेड़ में दोनों आतंकियों को ढेर किया गया है।

टीआरएफ से जुड़ा था बासित डार
कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) वीके बिरधी के बताया कि मारे गए आतंकवादियों में से एक की पहचान बासित डार के रूप में की गई है, जो ‘ए’ श्रेणी का आतंकवादी था, जो द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) से था।

उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों को रेडवानी गांव में आतंकवादियों की आवाजाही के बारे में इनपुट मिला था, जिसके बाद सोमवार रात वहां घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया गया था।

आतंकियों के बरामद कर लिए शव
उन्होंने कुलगाम में संवाददाताओं से कहा कि दूसरी ओर से गोलीबारी हो रही थी। बिरधी ने कहा कि आतंकवादियों को आत्मसमर्पण करने का मौका दिया गया, लेकिन उन्होंने सुरक्षाकर्मियों पर गोलीबारी जारी रखी। इस ऑपरेशन में दो आतंकवादी मारे गए हैं और उनके शव बरामद कर लिए गए हैं, लेकिन तलाशी अभियान जारी है।

NIA ने डार पर घोषित कर रखा था 10 लाख का इनाम
बिरधी ने डार की हत्या को एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताते हुए कहा कि वह श्रीनगर शहर सहित 18 मामलों में शामिल था। आईजीपी ने कहा कि वह पुलिस कर्मियों और निर्दोष नागरिकों की हत्या में शामिल था। वह अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों सहित हमलों की योजना बनाने और उन्हें अंजाम देने में शामिल था। 2022 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने डार पर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था।

सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गये। अधिकारियों ने मंगलवार को यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों ने इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद सोमवार देर रात कुलगाम के रेडवानी गांव में घेराबंदी और तलाश अभियान शुरू किया था।

जिस घर में छिपे थे आतंकी, उसमें लगी आग
अधिकारियों ने बताया कि हालांकि तलाशी अभियान मुठभेड़ में बदल गया, जो आखिरी रिपोर्ट आने तक जारी था। उन्होंने बताया कि मंगलवार सुबह दोनों पक्षों के बीच गोलीबारी के दौरान जिस घर में आतंकवादी छिपे हुए थे, उसमें आग लग गई।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि मुठभेड़ स्थल पर कम से कम दो शव देखे गए हैं और उन्हें निकालने के प्रयास जारी हैं। उन्होंने कहा आगे कहा कि शव बरामद होने के बाद ही मारे गए उग्रवादियों की पहचान और समूह संबद्धता का खुलासा किया जा सकता है।

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