बिहार के नेता राजीव रंजन की राहुल गांधी को सलाह
अपनी संपत्ति बांटकर योजना की शुरुआत करनी चाहिए

पटना: जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि लगातार मिल रही हार से कांग्रेस के नेताओं का मानसिक संतुलन हिल गया है। राजीव रंजन ने यह भी कहा कि राहुल गांधी को अपनी संपत्ति बांटकर योजना की शुरुआत करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के लोगों की संपत्ति का पता लगाने के बाद उसे बांट देने के बयान के बाद अब उनके राजनीतिक गुरु सैम पित्रोदा ने अमेरिका की तर्ज पर लोगों के मरने पर कम से कम उनकी आधी संपत्ति सरकार द्वारा ले लिए जाने की वकालत की है।
जदयू नेता ने कहा कि आम जनता की खून-पसीने से अर्जित की गई कमाई के साथ-साथ कांग्रेस अब उनके पुरखों की संपत्ति पर भी कांग्रेस अपना पंजा मारने के फेर में है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस व उनके सहयोगियों के घोटालों का इतिहास देखते हुए ऐसा प्रतीत होता है कि इस कानून के जरिये भी वह देश का सबसे बड़ा घोटाला करने के मंसूबे पाल रहे हैं।
‘आम जनता की खून-पसीने से अर्जित कमाई…’
जदयू नेता ने आगे कहा कि इससे साफ है कि आम जनता की खून-पसीने से अर्जित की गई कमाई के साथ-साथ कांग्रेस अब उनके पुरखों की संपत्ति पर भी कांग्रेस अपना पंजा मारने के फेर में है।
‘सबसे बड़ा घोटाला…’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस व उनके सहयोगियों के घोटालों का इतिहास देखते हुए ऐसा प्रतीत होता है कि इस कानून के जरिये भी वह देश का सबसे बड़ा घोटाला करने के मंसूबे पाल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इस बात की प्रबल संभावना है कि जिस तरह राजद के नेता बेनामी जमीन लिखवाते थे, उसी तरह इस कानून के जरिये कांग्रेस के नेता अपने नौकर-चाकरों के नाम पर आम जनता की संपत्ति हड़पना चाह रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मामला वायरल होने पर कांग्रेस के अन्य नेता अब इस मसले पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हैं. कांग्रेस के घोषणा पत्र में भी इस तरह के सर्वे की बात की गई है. राहुल गांधी के इरादों को खतरनाक बताते हुए जदयू प्रवक्ता ने कहा कि यदि दुर्भाग्य से भी राहुल के वादे जमीन पर उतर गये तो देश का बेड़ा गर्क हो जायेगा. इससे न केवल समाज का आर्थिक तानाबाना छिन्न-भिन्न हो जायेगा, बल्कि लोगों का आपसी भाईचारे की भी धज्जियां उड़ जायेंगी.
राजीव रंजन ने कहा है कि राहुल गांधी को यह बताना चाहिए कि यदि वह सही में इस वादे को जमीन पर उतारना चाहते हैं, तो सत्ता पाने का इंतजार क्यों कर रहे हैं? क्यों नहीं वह अपने साथी युवराजों के साथ अपने घर और अपनी संपत्ति बांटकर इस कार्य की शुरुआत आज-कल में ही कर देते हैं.