इजरायल की मिसाइल ने ईरानी सिस्टम को चकमा दे ‘न्यूक्लियर साइट’ को बनाया निशाना

ईरान के सैन्य ठिकाने को इजरायल ने बनाया निशाना

तेल अवीव: ईरान की तरफ से 13-14 अप्रैल की रात हुए हमले के बाद शुक्रवार तड़के इजरायल ने तेहरान पर जवाबी अटैक किया। इस हमले की जद में मध्य ईरान के शहर नटान्ज का डिफेंस सिस्टम भी आया। नटान्ज न्यूक्लियर साइट स्थल के पास हमले में इजरायल ने उच्च तकनीक वाली मिसाइल का इस्तेमाल किया, जो ईरान के रडार सिस्टम से बचने में सक्षम थी।

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक इस मिसाइल हमले का उद्देश्य तेहरान को यह दिखाना था कि इजरायल उसकी सुरक्षा को चकमा देने और बेअसर करने में सक्षम है। इस मिसाइल की खासियत ये है कि ये दुश्मन की रडार को चकमा दे सकती है, जो उसने ईरान में भी दिखाया।

रिपोर्ट के मुताबिक, दो ईरानी अधिकारियों ने कहा कि इजरायली हमले ने ईरान में रूस निर्मित एस-300 वायु रक्षा प्रणाली को प्रभावित किया। इजरायल ने ये मिसाइल इजरायल या ईरानी हवाई क्षेत्र से बहुत दूर से एक युद्धक विमान से दागी गई थी। न्यूयॉर्क टाइम्स ने कहा कि हमला जान बूझकर यह संदेश देने के लिए किया गया था कि इजरायल बिना रडार में आए ईरानी सुरक्षा में घुसने में सक्षम है। इजरायल की वायु सेना के पास कई प्रकार के हथियार उपलब्ध हैं, जिनका इस्तेमाल हमले के हिस्से के रूप में किया गया।

इजरायल के हमले ने दिखाया, ईरान के एयर डिफेंस सिस्टम से पार पा सकती हैं उसकी मिसाइलें
ईरान के इस्फहान की फैसिलिटी तीन छोटे चीनी आपूर्ति वाले अनुसंधान रिएक्टरों का संचालन करती है। साथ ही ईरान के परमाणु कार्यक्रम के लिए ईंधन उत्पादन और अन्य गतिविधियों को भी संभालती है। गहरे किलेबंद भूमिगत नटान्ज संवर्धन स्थल को बार-बार संदिग्ध इजरायली हमलों का सामना करना पड़ा है। ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम के लिए बार-बार कहा है कि उसका कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है। पश्चिमी देशों का कहना है कि ईरान के पास कई परमाणु हथियार बनाने के लिए पर्याप्त समृद्ध यूरेनियम है।

इजरायल के हमले के बाद एक वरिष्ठ ईरानी अधिकारी ने कहा कि ईरान के पास इजरायल के खिलाफ तत्काल जवाबी कार्रवाई की कोई योजना नहीं है। ईरानी अधिकारी ने इस बात पर भी संदेह जताया कि क्या इस्फहान में हमले के पीछे इजरायल का हाथ था। इजरायल की ओर से कई बार हमलों में हाथ होने से इनकार भी किया जाता रहा है। इजरायल ने 1 अप्रैल को दमिश्क में ईरान के वाणिज्य दूतावास पर हमले की जिम्मेदारी भी नहीं ली है। ईरान ने इसके पीछे इजरायल को माना और 13-14 अप्रैल को इजरायल पर 300 से अधिक क्रूज मिसाइलें, बैलिस्टिक मिसाइलें और सशस्त्र ड्रोन दागकर जवाब दिया।

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