‘वोटर्स को गुमराह कर रहे मल्लिकार्जुन खरगे’: चुनाव आयोग

वोटिंग के संबंध में लगाए गए आरोप निराधार

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के बीच मतदान से जुड़े आंकड़ों पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की ओर से खड़े किए गए सवालों पर चुनाव आयोग ने शुक्रवार को तीखी प्रतिक्रिया दी है। आयोग ने इसे बेबुनियाद और जानबूझकर भ्रम फैलाने वाला बताया है। साथ ही उन्हें ऐसे बयानों से बचने की नसीहत दी और कहा कि चुनाव को प्रभावित करने वाली ऐसी घटनाओं के खिलाफ कार्रवाई के वह ढृंढ़ संकल्पित है।

वोटिंग के संशोधित आंकड़ों में कथित हेरफेर करने के कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बयान पर चुनाव आयोग ने आपत्ति जताई है. खरगे की बयानबाजी को चुनावी प्रक्रिया में बाधा मानते हुए आयोग ने आज कांग्रेस अध्यक्ष को फटकार लगाई. आयोग ने उनके बयानों को चुनावी प्रक्रिया में अनावश्यक आक्रामकता कहा.

चुनाव आयोग ने अपने बयान में कहा कि चुनावी प्रक्रिया के बीच में इस तरह वोटिंग जारी करने के संबंध में लगाए गए आरोप निराधार हैं. ये आरोप मतदाताओं में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों पर भ्रम, गलत दिशा और बाधाएं पैदा करने के लिए लगाए गए हैं. इससे चुनावों में वोटर्स की भागीदारी पर नकारात्मक असर पड़ सकता है. साथ ही राज्यों में चुनावी कार्य में लगी मशीनरी भी हतोत्साहित हो सकती है.

खरगे ने गठबंधन नेताओं को पत्र लिखकर लगाए थे आरोप
आयोग का यह बयान खरगे की ओर से इंडी गठबंधन के नेताओं को लिखे गए उस पत्र के संदर्भ में आया है, जिसमें उन्होंने देरी से वोटिंग के आंकड़े जारी करने पर धांधली की आशंका जताई थी. आयोग का कहना है कि यह बयान पूरी तरह अवांछनीय है और इसे खारिज किया जाता है. आयोग ने कहा कि मतदान के आंकड़े इकट्ठे और एनेलेसिस के बाद उन्हें जारी करने पर कोई भी गड़बड़ी नहीं हुई है. इस काम में उन्हीं सब प्रक्रियाओं और तकनीक का सहारा लिया गया, जो अब तक की जाती रही हैं.

‘अनुमानों से हमेशा ज्यादा रहा है वास्तविक मतदान आंकड़ा’
चुनाव आयोग ने अपने बयान में मतदान के आंकड़े देने में किसी भी देरी से इनकार किया. इलेक्शन कमीशन ने कहा कि एनेलेसिस के बाद जारी होने वाला मतदान आंकड़ा हमेशा से अनुमानित आंकड़ों से ज्यादा रहता आया है.

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद से आयोग यह आंकडा उपलब्ध करवाने के लिए फैक्चुअल मैट्रिक्स भी उपलब्ध करवाता रहा है. कमीशन ने कहा कि इतनी सब ऐहतियात होने के बावजूद कांग्रेस अध्यक्ष लोगों को भ्रमित करने के लिए एक पक्षपातपूर्ण कहानी को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं.

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