अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत: सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला

कोर्ट ने अपने फैसले में लिखा: 22 दिन में ये पांच काम नहीं कर पाएंगे केजरीवाल

नई दिल्ली: शराब घोटाले के आरोप में जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से एक दिन पहले गुरुवार को ED ने उनकी जमानत का विरोध किया था.

दिल्ली शराब घोटाला मामले में जेल में बंद अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दिल्ली के मुख्यमंत्री को 1 जून कर अंतरिम जमानत दे दी है. सर्वोच्च अदालत ने ये भी कहा कि हम कोशिश करेंगे कि केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर भी अगले हफ्ते सुनवाई पूरी कर फैसला देंगे.दिल्ली में वोटिंग के पहले जमानत की राह देख रहे सीएम केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी के लिए ये एक राहत भरी खुशखबरी है.

सर्वोच्च अदालत ने लंबी सुनवाई के बाद केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर आदेश सुनाते हुए उन्हें एक जून तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी है. केजरीवाल को 2 जून को सरेंडर करना होगा. हालांकि केंद्रीय जांच एजेंसी ED ने केजरीवाल की जमानत याचिका का विरोध किया था.

भाषण पर रोक नहीं, आखिरी चरण तक प्रचार कर सकेंगे केजरीवाल
केजरीवाल के चुनाव प्रचार को लेकर कोई शर्त नहीं रखी गई है. अब वो आखिरी चरण के चुनाव तक देशभर में घूम-घूम कर कहीं भी प्रचार कर सकेंगे. केजरीवाल के वकीलों का कहना है कि उनकी कोशिश रहेगी कि केजरीवाल आज ही तिहाड़ से रिहा हो जाएं.

सुनवाई के दौरान कहा था कि अगर केजरीवाल को अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया जाता है, तो भी वह बतौर सीएम अपने आधिकारिक कर्तव्य नहीं निभा सकेंगे. वो मुख्‍यमंत्री के तौर पर ऑफिशियल ड्यूटी करेंगे तो ये कनफ्लिक्ट होगा. सुप्रीम कोर्ट ने ये साफ किया है कि अगर अरविंद केजरीवाल को अंतरिम ज़मानत मिलती है, तो वो सिर्फ चुनाव प्रचार के लिए मिलेंगी.

इस मामले में उपराज्यपाल से लेनी होगी मंजूरी
कोर्ट ने यह भी कहा है कि केजरीवाल उनकी ओर से कोर्ट में दिये गए इस बयान से बंधे होंगे कि वह जमानत के दौरान किसी ऑफिशियल फाइल पर तब तक हस्ताक्षर नहीं करेंगे, जब तक कि किसी मामले में दिल्ली के उपराज्यपाल से मंजूरी लेने के लिए ऐसा करना जरूरी न हो।

कोर्ट ने क्या कहा?
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ ने अरविंद केजरीवाल को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में एक जून तक अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश देते हुए कहा कि केजरीवाल जेल अधीक्षक की संतुष्टि का पचास हजार का निजी मुचलका भरेंगे और इतनी ही राशि का एक जमानती देंगे। केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई अभी लंबित है।

कोर्ट ने और क्या कुछ कहा?
कोर्ट ने कहा कि यह आदेश पारित करने का महत्वपूर्ण कारण 18वीं लोकसभा का चल रहा चुनाव है। केजरीवाल की अपील यहां लंबित हैं ऐसे में कोर्ट को उचित नहीं लगता कि वह केजरीवाल को निर्देश दे कि अंतरिम जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट जाओ।

कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं और एक राष्ट्रीय पार्टी के नेता हैं। इसमें कोई संदेह नहीं कि उन पर गंभीर आरोप हैं लेकिन अभी उन्हें कोर्ट से दोषी नहीं ठहराया गया है। उनकी कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं है। वो समाज के लिए खतरा नहीं हैं।

कोर्ट ने कहा कि गिरफ्तारी की वैधानिकता का मामला अभी लंबित है और कोर्ट को अभी उस पर फैसला देना है।
पीठ ने कहा कि इस मामले के तथ्यों परिस्थितियों की तुलना फसल की बुवाई या व्यापार की देखरेख से नहीं की जा सकती। जब गिरफ्तारी की वैधानिकता का मामला विचार के लिए लंबित है तो 18वीं लोकसभा चुनाव को देखते हुए ज्यादा समग्र और उदारवादी नजरिया लेना न्यायोचित है। कोर्ट ने अंतरिम जमानत देने के विभिन्न पूर्व फैसलों को भी आदेश में उद्धत किया है।

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