मच्छरों का जानी दुश्मन लेकिन बच्चों का दोस्त! मरुआ का पौधा
पौधे को गमले में लगा सकता है

गर्मियों की शुरुआत होते ही जहां एक ओर लोग तेज धूप और गर्मी से परेशान रहते हैं. वहीं इन दिनों मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ जाता है. दिन में चिलचिलाती धूप और गर्म हवा के थपेड़ों और शाम होते ही मच्छरों के आतंक से लोग परेशान हैं. ग्रामीण अंचल हो या शहर सभी जगह मच्छरों से लोग को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. अप्रैल के महीने में गर्म हवाओं के कारण घरों के आसपास भरा पानी तो सूख गया है, जहां पर मच्छर पनपने का खतरा अधिक रहता है. लेकिन, नालियों और कूलर में खूब लार्वा पनप रहा है. यही मच्छर, मौके मिलते ही घरों में घुसकर लोगों को परेशानी बढ़ा रहे हैं.
मच्छरों से बचाव के लिए लोग कई उपाय करते हैं. इससे बचने के लिए ज्यादातर लोग केमिकल वाली अगरबत्ती या कॉइल का इस्तेमाल करते हैं. गौरतलब है कि मच्छरों को भगाने वाली अगरबत्ती या कॉइल केमिकल से बने होते हैं. जिसकी वजह से कई बार लोगों को सांस की समस्या होने लगती है. ऐसे में मच्छरों को भगाने के देसी उपाय करना फायदेमंद होता है. आज हम उनको एक ऐसे पौधे के बारे में बताने जा रहे हैं जिस पौधे को गमले में लगाकर आसानी से मच्छरों से छुटकारा पाया जा सकता है.
प्राकृतिक मॉस्किटो रेपलेंट है मरुआ का पौधा
दरअसल, हम बात कर रहे हैं मरुआ के पौधे की यह प्राकृतिक मॉस्किटो रेपलेंट है. तुलसी की तरह दिखने वाला यह पौधा औषधि गुणों से भरपूर होता है. जिसे आमतौर पर लोग किचन गार्डन में उगाते हैं. रायबरेली के एसबीवीपी इंटर कॉलेज के गृह विज्ञान के प्रवक्ता अरुण कुमार सिंह बताते हैं कि मरुआ का पौधा पुदीना और तुलसी के प्रजाति का एक ऐसा पौधा है जो बच्चों के लिए तो गुणकारी होता है. लेकिन कीट पतंग एवं मच्छरों के लिए यह दुश्मन का काम करता है. इसकी खुशबू ऐसी होती है कि मच्छरों के साथ ही अन्य कीड़े मकोड़े भी दूर-दूर तक नहीं भटकते हैं.
खांसी और मुंह के दुर्गंध को करता है दूर
Local 18 से बात करते हुए अरुण कुमार सिंह बताते हैं कि आपके मन में अब एक सवाल जरूर उठा रहा होगा की जब इसकी गंध ऐसी होती है जिससे मच्छर भाग जाते हैं तो यह बच्चों के लिए कैसे फायदेमंद हो सकता है. लेकिन इसमें कई ऐसे एंटी एक्सीडेंट गुणों के साथ ही न्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं.मरुआ के पत्तों को चाय में डालकर उबालने से नजला-जुकाम, खांसी जैसी बीमारियों से राहत मिलती है.इसके साथ ही मरुआ मुंह के दुर्गंध को दूर करने में भी कारगर है. साथ ही यह मसूड़ों की बीमारियों से राहत दिलाने में भी असरदार माना जाता है.यह पाचन क्रिया को भी बेहतर बनाता है. इसके अलावा यह पेट के कीड़ों को दूर करता है और माइग्रेन के दर्द में भी राहत देता
ज्यादा खाने से करें परहेज
अरुण कुमार सिंह बताते हैं कि आप इसे अपने किचन गार्डन या फिर गमले में उगाने के साथ ही इसकी पत्तियों की चटनी ,सलाद, सब्जी में भी डालकर सेवन कर सकते हैं. लेकिन ध्यान रहे की उचित मात्रा में ही इसका सेवन करें नहीं तो यह आपका स्वाद का जायका भी बिगाड़ सकता है.