SCO मीटिंग में NSA अजित डोभाल ने लश्कर से लेकर ISIS तक का उठाया मुद्दा
आतंकवाद-आतंक के साजिसकर्ता पाकिस्तान के साथ चीन को भी लपेटा

अस्ताना/(कजाखस्तान) नई दिल्ली: भारत ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे पर वह अपनी पुरानी रणनीति पर ही अडिग है और इस बारे में वह हर अंतरराष्ट्रीय मंच से पड़ोसी देश पाकिस्तान के आतंकवादी चेहरे को बेनकाब करने की कोशिश में कोई कोताही नहीं करेगा।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने आतंकवाद और आतंक के साजिसकर्ताओं के खिलाफ बड़ा हमला बोला है. एससीओ समिट में डोभाल ने आतंक के मुद्दे पर नाम लिए बिना पाकिस्तान को आड़े हाथ लिया. उन्होंने कहा कि आतंकियों और आतंक के समर्थकों को सबक सिखाने में देरी नहीं लगानी चाहिए. उन्होंने सीमा पर शांति बनाए रखने का मुद्दा उठाकर नाम लिए बिना चीन को भी आड़े हाथ लिया.
कजाखस्तान की राजधानी अस्ताना में चल रही इस बैठक में डोभाल ने कहा कि सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे पर दोहरापन अब नहीं चलेगा। सीमा पार से आतंकवाद का संचालन करने वाले और इसे किसी भी तरह से समर्थन करने वालों, इसे वित्त सुविधा उपलब्ध कराने वालों या संरक्षण देने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करनी ही होगी। सनद रहे कि पाकिस्तान भी एससीओ का सदस्य है।
एनएसए अजित डोभाल ने आतंकवाद के खतरे से निपटने में दोहरे मानकों को छोड़ने का आह्वान करते हुए बुधवार को कहा कि आतंकवाद के साजिशकर्ताओं से प्रभावी ढंग से और तेजी से निपटा जाना चाहिए. कजाकिस्तान की राजधानी अस्ताना में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के एक सुरक्षा सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने विभिन्न आतंकवादी समूहों को पाकिस्तान के निरंतर समर्थन के बीच अपनी टिप्पणी में आतंकवाद के प्रायोजकों, वित्तपोषकों और मददगारों को जवाबदेह ठहराने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया.
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों (एनएसए) की पहली बैठक में भारत के एनएसए ने ना सिर्फ पाकिस्तान को आतंकवाद को खुली मदद देने के नाम पर घेरा बल्कि अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी परियोजनाओं में दूसरे देशों की संप्रभुता का उल्लंघन करने के मामले में पाक के मित्र देश चीन को भी लपेटे में लिया। वैसे यह भारत का पुराना स्टैंड है लेकिन जिस तरह से डोभाल ने एससीओ के मंच पर अपने राष्ट्रीय हितों से जुड़े मुद्दों को रेखांकित किया है वह भारत के सख्त रूख को बताता है।
चीन पर भी बोला हमला
सूत्रों ने कहा कि डोभाल ने एससीओ क्षेत्र में लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मुहम्मद, अल कायदा और उसके सहयोगी संगठन और आईएसआईएस समेत विभिन्न आतंकवादी समूहों द्वारा उत्पन्न खतरे का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि भारत दूसरे देशों के साथ व्यापार और कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने इस पर भी जोर दिया कि ऐसी पहल एससीओ सदस्य देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को ध्यान में रखते हुए होनी चाहिए. यह टिप्पणियां ऐसे वक्त आई हैं जब चीन की क्षेत्र एवं सड़क पहल (बीआरआई) को पारदर्शिता की कमी और राष्ट्रों की संप्रभुता की उपेक्षा को लेकर आलोचना का सामना करना पड़ रहा है.
मास्को हमले पर व्यक्त की संवेदना
एनएसए ने 22 मार्च को मास्को के क्रोकस सिटी हॉल में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करते हुए उन परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया. डोभाल ने रूस के एनएसए पेत्रुशेव को सभी तरह के आतंकवाद के खतरे से निपटने के लिए रूस की सरकार और लोगों के साथ भारत की एकजुटता से अवगत कराया. सूत्रों के अनुसार, डोभाल ने कहा कि सीमा पार आतंकवाद सहित कहीं भी, किसी के भी द्वारा, किसी भी उद्देश्य से अंजाम दिए गए आतंकी कृत्य को कतई उचित नहीं ठहराया जा सकता.