किशोरी से दुष्कर्म में एक को उम्रकैद, दूसरे को 10 साल की सजा

विशेष न्यायाधीश एससी.एसटी अदालत ने सात साल पुराने में सुनाया फैसला

मुरादाबाद : बिलारी थाना क्षेत्र के साढ़े छह साल पुराने मामले में विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी एक्ट संदीप गुप्ता (द्वितीय) की अदालत ने शनिवार को किशोरी से दुष्कर्म के एक दोषी राजीव को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही उस पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया।

वहीं दूसरे दोषी संजीव को 10 साल कैद और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। राजीव को एससी-एसटी एक्ट के तहत भी दोषी पाया गया। बिलारी थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी किशोरी के पिता ने 19 दिसंबर 2018 को थाने में मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया था कि सुबह आठ बजे उसकी 15 साल की बेटी गन्ना छीलने के लिए घर से निकली थी।

रास्ते में उसे गांव का ही संजीव मिल गया। आरोपी उसे जबरन गन्ने के खेत में ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया। थोड़ी देर बाद वहां राजीव आ गया और उसने भी किशोरी के साथ दुष्कर्म किया। साथ ही उसे जातिसूचक गाली भी दी। किशोरी के चीखने-चिल्लाने पर पिता पहुंचा तो उसे आपबीती सुनाई।

मामले में बिलारी पुलिस ने दोनों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया था। जांच के बाद अदालत में चार्जशीट दाखिल की गई। अदालत में सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों ने जोरदार बहस हुई। अभियोजन पक्ष की ओर से लोक अभियोजक आनंदपाल सिंह ने अभियुक्तों के खिलाफ मजबूत साक्ष्य को पेश किए।

अदालत ने साक्ष्यों के आधार पर संजीव और राजीव को दुष्कर्म का दोषी माना। कोर्ट ने संजीव को धारा-376 के तहत दुष्कर्म का दोषी मानते हुए 10 साल कैद की सजा सुनाई। वहीं राजीव को दुष्कर्म के साथ ही एससी-एसटी एक्ट का भी दोषी माना और उसे उम्रकैद की सजा सुनाई।

हत्या के प्रयास में दोषी को सात साल का कारावास
न्यायाधीश जितेंद्र सिंह की कोर्ट संख्या दस ने हत्या के प्रयास के मामले में आरोपी को दोषी पाते हुए सात वर्ष के कारावास और पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। अर्थदंड नहीं देने पर दोषी को एक माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

नाबालिग से दुष्कर्म में दो दोषियों को दस-दस साल की कैद
विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एवं अपर सत्र न्यायाधीश घनेंद्र कुमार की अदालत ने नाबालिग बालक से दुष्कर्म के मामले में दो दोषियों दस-दस साल की कैद की सजा सुनाई है। साथ ही 20-20 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है। मारपीट के एक अन्य आरोपी को एक वर्ष की सजा सुनाई है।

अभियोजन के अनुसार कुंदरकी के बगरऊवा निवासी मतीन 30 अप्रैल 2012 की शाम पांच बजे किराए के ट्रैक्टर ट्राॅली से भूसा लेकर आ रहा था। ट्राॅली जीनत के घर के सामने पहुंची तो भूसा नीचे गिरने लगा। इसी बात को लेकर दोनों पक्षों के बीच कहासुनी होने लगी।

इस बीच पीतपुर निवासी रजाबुल तमंचा लेकर आया। उसने जान से मारने की नियत से फायरिंग की। इस दौरान गोली मतीन की पत्नी गुलिस्ता व गांव के बिलाल के पैरों में लग गई। इस मामले में मतीन की तहरीर पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया।

अदालत में सुनवाई के दौरान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता मनीष भटनागर ने कुल आठ गवाहों को पेश किया। अदालत ने दोनों पक्षों के तर्कों को सुनने और साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद आरोपी रजाबुल को हत्या के प्रयास का दोषी पाया।

अदालत ने इस मामले में दोषी को सात साल कारावास और पांच हजार रुपये के अर्थदंड लगाया है। दफा 25 के तहत अदालत ने दो वर्ष का कारावास और दो हजार रुपये के अर्थ दंड से दंडित किया है।

कांठ क्षेत्र की महिला ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि उसका नाबालिग बेटा 26 मार्च 2022 की शाम पांच बजे खेल रहा था। इस बीच अरमान और इमरान पैसे का लालच देकर उसके बेटे को ले गए। दोनों ने बेटे के साथ दुष्कर्म का प्रयास किया। मारपीट के दौरान वह मौके से भाग निकला।

घर पहुंचने पर उसने रोते हुए अपनी मां से आपबीती सुनाई। मां की तहरीर पर कांठ पुलिस ने 30 मार्च को केस दर्ज किया। अदालत में मुकदमे की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने छह गवाहों को पेश किया। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अभियुक्त अरमान और इरफान को दोषी पाते हुए दस-दस साल की कारावास की सजा सुनाई है।

20 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है। इसके साथ ही धारा 323 के तहत दोषी अरमान, इरफान और बिलाल को अदालत ने एक-एक वर्ष की सजा के साथ एक- एक हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया है।

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