छांगुर के अपराध नेटवर्क: यदि डीएम की रिपोर्ट पर प्रशासन लिया होता संज्ञान….
अधिकारियों और पुलिसकर्मियों की जमालुद्दीन उर्फ छांगुर से सांठगांठ के सबूत

बलरामपुर (UP) : यूपी के बलरामपुर में ईडी, एटीएस और अन्य एजेंसियों की जांच में वहां तैनात कई अधिकारियों और पुलिसकर्मियों की जमालुद्दीन उर्फ छांगुर से सांठगांठ के सबूत मिले हैं. तत्कालीन डीएम ने 2 साल पहले ही पुलिस और अपराधियों के गठजोड़ की 150 पन्ने की रिपोर्ट शासन को भेज दी थी.
इस रिपोर्ट में पुलिस वालों को संगठित रूप से छांगुर के करीबी रहे गैंगस्टर हाशमी और अन्य अपराधियों की मदद करने की बातें लिखी गई थी. रिपोर्ट में यह भी आरोप लगाया कि किस तरीके से तीन बार मुकदमा दर्ज करने के बाद भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया.
डीएम ने पहले ही दी थी चेतावनी
तत्कालीन डीएम ने 2022 में इसी मुस्लिम प्रत्याशी पर गैंगस्टर की कार्रवाई करते हुए शासन को पत्र भेजा था. उन्होंने ईडी और आयकर जैसी एजेंसियों से जांच की सिफारिश की थी. साथ ही, पुलिस की अपराधियों के साथ मिलीभगत की भी शिकायत की थी. इसके बाद डीएम और एसपी के बीच विवाद होने पर दोनों अधिकारियों का तबादला कर दिया गया.
कार्रवाई होती तो पहले ही खुल जाता नेटवर्क
गौर करने वाली बात यह है कि अगर पुलिस समय पर सिंडिकेट पर कार्रवाई करती तो बलरामपुर में चल रहा छांगुर का नेटवर्क शायद पहले ही उजागर हो जाता. बताया जा रहा है कि नीतू की डायरी में न केवल पूर्व विधायक को दिए गए पैसों का ज़िक्र है बल्कि कई पुलिस और राजस्व विभाग के अधिकारियों के नाम भी शामिल हैं. जैसे-जैसे एजेंसियों की जांच आगे बढ़ेगी और भी महत्वपूर्ण नाम सामने आने की संभावना है.
छांगुर गैंग का मददगार निकला क्राइम ब्रांच का इंस्पेक्टर
गाजियाबाद में क्राइम ब्रांच के प्रभारी इंस्पेक्टर अब्दुल रहमान सिद्दीकी को सस्पेंड कर दिया गया है. सिद्दीकी पर अवैध धर्मांतरण रैकेट चलाने वाले जमालुद्दीन उर्फ छांगुर के गैंग से मिलीभगत का आरोप है. साथ ही धर्मांतरण मामले की एक पीड़िता को धमकाने का भी गंभीर आरोप लगा है.
जानकारी के मुताबिक, 2019 में मेरठ के सिविल लाइन थाना प्रभारी रहते हुए अब्दुल रहमान सिद्दीकी ने एक लड़की के अपहरण मामले में मुकदमा दर्ज नहीं किया. उल्टे पीड़ित पक्ष को ही धमका कर भगा दिया. लड़की के परिजनों ने छांगुर गैंग के सदस्य बदर अख्तर सिद्दीकी पर बेटी के अपहरण का आरोप लगाया था. वर्तमान में छांगुर एटीएस की गिरफ्त में है. छांगुर से पृछताछ के बाद हुई जांच में अब्दुल रहमान की 6 साल पहले की गई लापरवाही उजागर हई है.