पाकिस्तान ने लौटाया बीएसएफ जवान, वाघा-अटारी बॉर्डर से हुई वतन वापसी

23 अप्रैल को गलती से बॉर्डर पार पहुंचे अब 20 दिनों के बाद वापस लौटाया

नई दिल्ली : भारत-पाकिस्तान के तनाव के बीच बीएसएफ जवान पीके शॉ की वतन वापसी हो गई है. पाकिस्तान ने उन्हें भारत को लौटा दिया है. पीके शॉ 23 अप्रैल को गलती से पाकिस्तान की सीमा में चले गए थे. इसके बाद उन्हें पाकिस्तानी सेना ने गिरफ्तार कर लिया था. पीके शॉ को 20 दिनों के बाद रिहा किया गया है.

बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स ने पीके शॉ की वापसी को लेकर प्रेस रिलीज जारी की है. बीएसएफ ने बताया, ”आज बीएसएफ के जवान कॉन्स्टेबल पूर्णम कुमार शॉ अटारी-वाघा बॉर्डर से भारत आ गए हैं. पूर्णम 23 अप्रैल 2025 को ड्यूटी के दौरान गलती से पाकिस्तानी सीमा में चले गए थे.” पीके शॉ उस वक्त पाक सीमा में जा पहुंचे जब दोनों ही देशों के बीच के हालात बिगड़ने लगे. भारत के ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान को काफी नुकसान हुआ, हालांकि इसका पीके शॉ की रिहाई पर असर नहीं पड़ा.

पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं बीएसएफ जवान पीके शॉ
बीएसएफ जवान पीके शॉ पंजाब के फिरोजपुर बॉर्डर से पाकिस्तान की सरहद में चले गए थे. वे मूल रूप से पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं. पीके शॉ की पत्नी रजनी साहू इस मामले को लेकर काफी परेशान चल रही थीं. वे पति की रिहाई के लिए चंडीगढ़ पहुंच गई थीं. उन्होंने यहां बीएसएफ के अधिकारियों से मुलाकात की थी.

पहलगाम हमले के दूसरे दिन गलती से पहुंच गए पाकिस्तान
पंजाब के फिरोजपुर सेक्टर में तैनात चालीस वर्षीय साहू 23 अप्रैल को अनजाने में अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर गए। बाद में उन्हें पाकिस्तान रेंजर्स ने हिरासत में ले लिया। इधर पूर्णम की पत्नी रजनी को इस बात की खबर मिली तो वह परेशान हो गईं। वह पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के रिशरा इलाके से वाघा-अटारी बॉर्डर पहुंची। वह पति की सुरक्षित वापसी पर अड़ गईं।

अटारी बॉर्डर पर पहुंची पत्नी
गर्भवती रजनी को अधिकारियों ने पूर्णम के सुरक्षित होने का आश्वासन दिया और उन्हें वापस लौटने को कहा। उन्हें आश्वासन दिया गया कि पूर्णम ठीक हैं और जल्द ही भारत लौटेंगे। BSF लगातार उन्हें छुड़ाने कोशिश कर रहा था। इसी बीच भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव और बढ़ गया। ऑपरेशन सिंदूर और फिर दोनों के बीच युद्ध जैसे हालात ने चिंता और बढ़ा दी।

खुश हुईं पूर्णम की पत्नी रजनी
रजनी ने बताया कि जब हम फिरोजपुर गए, तो BSF के बड़े अधिकारियों ने हमें हर तरह की मदद का भरोसा दिलाया। उन्होंने मुझसे शांत और धैर्य रखने को कहा। मैं इतने दिनों से धैर्य रख रही थी। लेकिन, हालात को देखते हुए हम सब बहुत चिंता हो गई थी। पति की वापसी को लेकर उम्मीदें कम हो रही थीं लेकिन उनकी वापसी के बाद उनका भारतीय सेना और केंद्र पर भरोसा और अटूट हो गया है। पूर्णम के भारत में आते ही लोगों का गर्व से सीना चौड़ा हो गया। सोशल मीडिया पर भारतीय सेना और पीएम मोदी की तारीफ होने लगी। बॉर्डर पर भारत माता की जय गूंजी। लोगों ने कहा कि यह आज के भारत की ताकत है कि पूर्णम कुमार की 20 दिन बाद सुरक्षित वापसी हुई है।

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