अदम्य साहस दिखाने वाले जवानों को राष्ट्रपति ने किया सम्मानित

6 कीर्ति चक्र (4 मरणोपरांत) और 33 शौर्य चक्र (7 मरणोपरांत)

नई दिल्ली  : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित रक्षा अलंकरण समारोह के दौरान देश के जांबाज सैनिकों को छह कीर्ति चक्र और 33 शौर्य चक्र पुरस्कारों से सम्मानित किया। राष्ट्रपति ने सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के कर्मियों को कर्तव्य के दौरान अदम्य साहस और असाधारण वीरता दिखाने के लिए चार मरणोपरांत सहित छह कीर्ति चक्र प्रदान किए।

कीर्ति चक्र भारत का दूसरा सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार है। सिख लाइट इन्फेंट्री के कर्नल मनप्रीत सिंह, जम्मू और कश्मीर लाइट इन्फेंट्री के राइफलमैन रवि कुमार, आर्टिलरी रेजिमेंट के नायक दिलवर खान और जम्मू और कश्मीर पुलिस के पुलिस उपाधीक्षक हुमायूं हुमायूं मुजम्मिल भट को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया है।

मराठा लाइट इन्फेंट्री, 56 राष्ट्रीय राइफल्स के मेजर मल्ला राम गोपाल नायडू और पंजाब रेजिमेंट 22 राष्ट्रीय राइफल्स के मेजर मंजीत को कीर्ति चक्र प्रदान किया गया। अलंकरण समारोह के दौरान सशस्त्र बलों, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और राज्य, केंद्र शासित प्रदेश पुलिस के कर्मियों को सात मरणोपरांत सहित 33 शौर्य चक्र भी प्रदान किए गए। राष्ट्रपति भवन ने बाद में अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर समारोह की तस्वीरें भी साझा कीं।

पिता को मरणोपरांत कीर्ति चक्र मिलने पर बेटे ने कहा धन्यवाद पापा
कश्मीर में आतंकवादियों से लड़ते हुए बलिदान हुए कर्नल मनप्रीत सिंह को मरणोपरांत कीर्ति चक्र दिया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार राष्ट्रपति भवन में यह सम्मान कर्नल मनप्रीत की पत्नी को प्रदान किया।

इस सम्मान के लिए कर्नल का बेटा कबीर ने कहा- धन्यवाद पापा। 19 महीने पहले उसने अपने पिता की चिता को अग्नि देने वाले कबीर के मन में यह आशा है कि एक दिन उसके पिता घर लौटेंगे। उन्होंने कहा कि अब पापा वापस आएंगे, मिशन खत्म होगा अब। राष्ट्रपति द्वारा मिला पुरस्कार कबीर के मन में कहीं न कहीं यह दर्शाता है कि उनके पिता कहीं जीवित और स्वस्थ हैं। इस बीच, कर्नल मनप्रीत की पत्नी जगमीत सिंह ने कहा कि यह परिवार और उनके बच्चों 10 वर्षीय कबीर और पांच वर्षीय वाणी के लिए एक कठिन समय है।

अदम्य साहस और असाधारण वीरता दिखाने के लिए चार को मरणोपरांत कीर्ति चक्र मिला
उन्होंने कहा कि उनके बच्चे अभी तक कठोर सत्य को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं। मनप्रीत ने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी और यह हमारे लिए एक गर्व का क्षण है। लेकिन अपने बच्चों को यह समझाना निश्चित रूप से कठिन है।

अदम्य साहस और असाधारण वीरता दिखाने के लिए चार को मरणोपरांत कीर्ति चक्र मिला
उन्होंने कहा कि उनके बच्चे अभी तक कठोर सत्य को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं। मनप्रीत ने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी और यह हमारे लिए एक गर्व का क्षण है। लेकिन अपने बच्चों को यह समझाना निश्चित रूप से कठिन है।

उन्होंने कहा कि अपने पिता की मृत्यु के बाद कबीर अपने मोबाइल पर वॉइस मैसेज भेजता था, उनसे वापस आने की गुहार लगाते हुए वीडियो कॉल करने की प्रार्थना करता था। कबीर यह सब चोरी से करता था, ताकि मां न सुने। जगमीत अपने परिवार और बच्चों के साथ पंचकूला में रहती हैं। गौरतलब है कि कर्नल मनप्रीत सिंह 13 सितंबर, 2023 को कश्मीर के कोकरनाग के गडूल गांव में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में तीन अन्य सुरक्षा कर्मियों के साथ बलिदान हो गए थे।

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