भारत के नेस्ले सेरेलक में चीनी होने का स्विस जांच एजेंसी का दावा

भारत सरकार के निशाने पर कंपनी

नई दिल्ली: FMCG सेक्टर की भारत में लोकप्रिय कंपनी Nestle पर बेबी फूड में चीनी मिलाने के आरोप लगे हैं। स्विस जांच संगठन पब्लिक आई ने एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया है। जांच एजेंसी का कहना है, कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के निर्देश के बावजूद नेस्ले के भारत में बेचे जा रहे बेबी फूड सेरेलक की हर सर्विंग में करीब 3 ग्राम तक की चीनी पाई गई है। इस रिपोर्ट के बाद भारत सरकार एक्शन में आ गई है। रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि इंडिया की फूड रेगुलेटर FSSAI इस रिपोर्ट की जांच कर रही है। जल्द ही स्विस जांच संगठन द्वारा जारी की गई इस रिपोर्ट को वैज्ञानिकों के पैनल के सामने भी रखा जाएगा।

इस बीच नेस्ले का कहना है- हम बच्चों के लिए बनाए जाने वाले उत्पादों में पोषण स्तर और उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री के इस्तेमाल को तवज्जो देते हैं। पिछले 5 सालों में नेस्ले इंडिया ने अपने Baby Food में चीनी की मात्रा 30 प्रतिशत तक कम कर दी है। हम उत्पादों में गुणवत्ता, सुरक्षा और स्वाद में समझौता किया बिना चीनी कम करने के लिए, अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा करके नई चीजें खोजते रहते हैं।

क्या कहती है रिपोर्ट
स्विस जांच एजेंसी की रिपोर्ट में 15 भारतीय सेरेलक उत्पादों की टेस्ट रिपोर्ट साझा की गई है। इन उत्पादों को लैब में टेस्ट किया गया है। इस टेस्ट में प्रत्येक सेरेलक सर्विंग में 2.7 ग्राम से ज्यादा चीनी पाई गई है। रिपोर्ट में यह भी पाया गया, कि Nestle के यूनाइटेड किंगडम और जर्मनी जैसे देशों में 6 महीने तक के बच्चों के लिए बेचे जाने वाले सेरेलक में चीनी नहीं मिलाई जाती। जबकि इथोपिया और थाईलैंड जैसे देशों में प्रति सर्विंग 5 से 6 ग्राम तक चीनी मिलाई जाती है। यह WHO के बच्चों के भोजन के लिए दिए गए निर्देशों का उल्लंघन है। WHO के अनुसार 3 साल से कम उम्र के बच्चों के भोजन में चीनी या मीठे पदार्थों का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।

भारत में शुगर को लेकर क्या मानक हैं?
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में बेबी फूड्स में एक्स्ट्रा शुगर की मात्रा को लेकर कोई अपर लिमिट नहीं है। इसे देखने वाली संस्था सिर्फ प्रोटीन, फैट और कार्बोहाइड्रेट जैसे मैक्रोन्यूट्रिएंट्स और विटामिन सी, डी, आयरन और जिंक जैसे माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की जरूरतें बताती है।

भारतीय नियमों के मुताबिक, अनाज वाले बेबी फूड्स में कॉर्न सिरप और माल्ट का इस्तेमाल किया जा सकता है। कार्बोहाइड्रेट सोर्स के तौर पर सुक्रोज और फ्रुक्टोज का इस्तेमाल होता है, बशर्ते इनकी मात्रा कार्बोहाइड्रेट के 20% से कम हो।

​​​​​​यूरोपीय देशों के बेबी प्रोडक्ट्स में नहीं था शुगर
इसी तरह न्यू बॉर्न बेबी के लिए बेचे जाने वाले पाउडर मिल्क नीडो में प्रति बोतल औसतन 2 ग्राम शुगर मिला। दूसरी ओर, नेस्ले के अपने देश स्विट्जरलैंड या जर्मनी, ब्रिटेन और फ्रांस जैसे यूरोपीय देशों में बिकने वाले इन्हीं उत्पादों में शुगर नहीं थी।

शेयर्स में गिरावट :- स्विस कंपनी के नेस्ले सेरेलक में मिलावट की रिपोर्ट का असर शेयर मार्केट पर भी दिखा है। बुधवार को नेस्ले के शेयर्स में गिरावट दर्ज की गई। नेस्ले के शेयर्स में 18 अप्रैल को 3.6 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई।

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