तेलंगाना के बसपा प्रदेश प्रमुख ने छोड़ा मायावती का साथ
लोकसभा चुनाव में निर्दलीय ताल ठोकने की है तैयारी

लोकसभा चुनाव 2024 से पहले तेलंगाना में मायावती की पार्टी बीएसपी को बड़ा झटका देते हुए तेलंगाना बीएसपी अध्यक्ष ने पार्टी छोड़ दी.
लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों की घोषणा चुनाव आयोग ने कर दी है. सभी राजनीतिक दल चुनावी मैदान में कूद चुके हैं और वोटर्स को लुभाने में लगे हुए हैं. इस बीच तेलंगाना में बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष प्रवीण कुमार ने पार्टी का साथ छोड़ दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) बीएसपी पर बीआरएस के साथ गठबंधन खत्म करने का दबाव डाल रही है।
रिपोर्ट के मुताबिक, बीएसपी छोड़ने के कुछ ही घंटों बाद प्रवीण कुमार ने संकेत भी दे दिया कि नगरकुर्नूल संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ने की संभावनाएं अभी भी बनी हुई हैं. पूर्व आईपीएस अधिकारी रहे प्रवीण कुमार से जुड़े सूत्रों ने बताया कि वह एक दो दिन में अपने समर्थकों के साथ बैठक कर सकते हैं. कहा जा रहा है कि उन्होंने अपने करीबियों से कहा, “मैं नगरकुर्नूल से चुनाव मैदान में उतरने को लेकर तैयार हूं, चाहे वह निर्दलीय के रूप में हो या समान विचारधारा वाली पार्टी से हो.”
क्या है इन संकेतों के मायने?
प्रवीण कुमार ने अपने सर्थकों के जरिए जो संकेत दिए हैं उससे लग है कि वो लोकसभा चुनाव में वो निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतर सकते हैं और के चंद्रशेखर राव की भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) उनका समर्थन कर सकती है.
बसपा के पूर्व राज्य प्रमुख ने कथित तौर पर अपने समर्थकों से कहा कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की ओर से बीआरएस के साथ चुनाव समझौते को रद्द करने की घोषणा करने के लिए दबाव डाला गया था. उन्होंने कथित तौर पर अपने सहयोगियों से कहा, “मैं बीआरएस के साथ खुले गठबंधन से कैसे मुकर सकता हूं?
बीजेपी के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे प्रवीण कुमार
माना जाता है कि पूर्व आईपीएस अधिकारी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह बीजेपी की सांप्रदायिक और फासीवादी नीतियों के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ेंगे और बीआरएस नेतृत्व के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखना जारी रखेंगे। लोकसभा चुनाव लड़ना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है. उन्होंने कहा, “आलाकमान की ओर से गठबंधन खत्म करने का दबाव था. मैं इससे सहमत नहीं हुआ और मैंने पार्टी और अपने पद से इस्तीफा देने का फैसला किया।