सुप्रीम कोर्ट में नागरिकता देने पर कोई रोक नहीं

CAA पर केन्‍द्र सरकार को SC से बड़ी राहत

नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 (CAA) मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान केन्द्र की ओर से पेश हुए सॉल‍िस‍िटर जनरल तुषार मेहता ने इस मामले में जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा है.

इस पर याचिकाकर्ताओं की तरफ से इंदिरा जयसिंह ने दलील दी क‍ि इस कानून पर रोक लगाई जाए और इस मामले को बड़ी बेंच के सामने भेजा जाए. सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद केन्‍द्र सरकार को राहत दी है. CAA नोटिफिकेशन पर फिलहाल रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर द‍िया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है क‍ि वह 9 अप्रैल को मामले की सुनवाई करेंगे. तब तक 3 हफ्ते के भीतर केन्‍द्र सरकार को जवाब देना होगा.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 236 याचिकाओं में से कितने मामले में हमने नोटिस जारी किया है? हम बाकी याचिकाओं पर भी नोटिस जारी कर तारीख दे देते हैं. कोर्ट ने कहा क‍ि सरकार ने नोटिफिकेशन पर रोक की मांग वाली याचिका पर जवाब देने का समय मांगा है ऐसे में उन्हें समय देना चाहिए. याचिकाकर्ता ने कहा कि उस स्थिति में नोटिफिकेशन के लागू होने पर रोक लगाई जानी चाहिए.

कप‍िल स‍िब्‍बल ने दी क्‍या दलील?
कोर्ट ने पूछा कि केन्द्र सरकार कब तक जवाब दाखिल करेगी. इस पर सॉल‍िस‍िटर जनरल ने कहा क‍ि चार हफ्ते में जवाब दाख‍िल करेंगे. वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि नोटिफिकेशन 4 साल 3 महीने बाद जारी हुआ हैं. अगर नागरिकता देना शुरू हुआ तो उसे वापस लेना संभव नहीं होगा. ऐसे में नोटिफिकेशन पर रोक लगाई जाए.

किसी को नागरिकता मिले या ना मिले याचिकाकर्ताओं को इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला: तुषार
स‍िब्‍बल ने कहा क‍ि नोटिफिकेशन पर रोक लगाई जाए और कुछ लोगों को सिटिजनशिप दी गई है. अगर रोक नहीं लगाई गई तो इन याचिकाओं का कोई मतलब नहीं रह जाएगा. सॉल‍िस‍िटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि चाहे किसी को नागरिकता मिले या ना मिले याचिकाकर्ताओं को इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. इस पर इंदिरा जय सिंह ने कहा क‍ि ये मामला संवैधानिक जांच का है.

बलूचिस्तान से एक व्यक्ति की तरफ से रंजित कुमार ने कहा क‍ि अगर हमें नागरिकता मिलती है तो किसी को क्या दिक्कत है? इंदिरा जय सिंह ने कहा वोटिंग का अधिकार से. सॉल‍िस‍िटर जनरल ने कहा क‍ि एनआरसी कोर्ट के समक्ष मामला नहीं है केवल CAA है. सुप्रीम कोर्ट ने केन्‍द्र सरकार से 8 अप्रैल तक जवाब मांगा है और 9 अप्रैल को अगली सुनवाई होगी.

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