लिवर से गंदगी को हटाने में मददगार ये छोटा सा फल लसोड़ा

भारत में प्रकृति को यूं ही मां नहीं कहा जाता. इसके इको सिस्टम में मौजूद चीजें सभी एक-दूसरे के काम आने के लिए बनी होती है. उनमें से जिनके बारे में इंसान जानता है, उसका इस्तेमाल मानवता की सेवा और सुविधा के लिए करने लगता है. प्रकृति के इन वरदानों में पेड़-पौधे बहुत अहम हैं. कुछ पेड़-पौधों से मिलने वाले फल, फूल, पत्ते, तना, जड़, बीज वगैरह सारे हिस्से इंसान की सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं. ऐसा ही एक फल है लसोड़ा.
लसोड़ा फल कहाँ मिलता है? दक्षिण भारत के कई राज्यों, गुजरात और राजस्थान में रोजाना के खान-पान में काम आने वाले लसोड़ा को लूसड़ा, बहुवार, गोंदी, निसोरा और ग्लूबेरी भी कहा जाता है. हालांकि, इसका बॉटनिकल नाम कॉर्डिया मायक्सा है. बरगद की तरह ही लसोड़ा का पेड़ भी काफी बड़ा और फल बहुत चिकना होता है.
जानिए क्या होता है लसोड़ा,क्या है फायदे
बॉटनी के मुताबिक, कॉर्डिया मायक्सा के पेड़ की तीन प्रजातियां होती हैं. इनमें लमेड़ा और लसोड़ा काफी मशहूर हैं. देश के बड़े हिस्से के लोग ज्यादातर जंगलों में पाए जाने वाले इस फल से होने वाले ढेर सारे फायदे से अनजान हैं. लसोड़ा में भरपूर मात्रा में न्यूट्रिशंस होते हैं. यह फल प्रोटीन, क्रूड फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, फैट, फाइबर, आयरन, फास्फोरस और कैल्शियम से भरा होता है. लसोड़े के फल में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण भी होता है.
लसोड़ा खाने के फायदे (Benefits of eating lasoda)
लिवर : नाइजीरियन जर्नल ऑफ नेचुरल प्रोडक्ट्स एंड मेडिसिन जर्नल में जनवरी 2007 में चूहों पर पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, लसोड़े के फल में तेल, ग्लाइकोसाइड्स, फ्लेवोनोइड्स, स्टेरोल्स, सैपोनिन्स, टेरपीनोइड्स, एल्कलॉइड्स, फेनोलिक एसिड्स, कौमारिन्स, टैनिन्स, रेजिन, गम्स और म्यूसिलेज वगैरह का मौजूदगी का पता चला है. खासकर म्यूसिलेज में लिवर की दिक्कतों को ठीक करने की क्षमता होती है.
गठिया : लसोड़ा के फलों और पत्तियों में जोड़ों के दर्द से राहत दिलाने वाले एनाल्जेसिक गुण पाए जाते हैं. इसका रेगुलर सेवन गठिया के मरीजों के लिए रामबाण दवा है.
दांत दर्द से राहत : पुराने समय से लोग दांत में दर्द में राहत पाने के लिए लसोड़े के फल का सेवन करते आ रहे हैं. इस पेड़ की छाल भी काफी फायदेमंद मानी जाती है. इसे पानी में उबालकर कुल्ला करने की सलाह दी जाती है. यह दांत दर्द से राहत दिला सकता है. यह भी पढ़ें : दांतों के कीड़े का घरेलू इलाज | Treatment Of Tooth Decay | How to remove
हाई ब्लड प्रेशर : आमतौर पर दुनिया भर में प्रचलित हाई ब्लड प्रेशर बीमारी में लसोड़ा का इस्तेमाल घरेलू नुस्खों की तरह इस्तेमाल किया जाता है. साल 2016 में हेल्थ एंड मेडिकल रिसर्च स्टडी रिपोर्ट के मुताबिक कॉर्डिया मायक्सा फ्रूट में हाई ब्लड प्रेशर को ठीक करने की क्वालिटी होती हैं. लसोड़ा ब्लड प्रेशर के लेवल को मैनेज कर ऑक्सीडेटिव टेंशन को कम करता है.
स्किन केयर : स्किन पर फोड़े-फुंसी, एलर्जी, खुजली, चकत्ते और इंफेक्शन को ठीक करने में भी लसोड़े के पेड़ के पत्ते को पीसकर लगाने से आराम मिलता है.
गले की खराश : गले की खराश ठीक करने के लिए लसोड़े के तने की छाल का काढ़ा पीना एक मशहूर घरेलू नुस्खा है.
पीरियड्स का दर्द : लसोड़े की छाल के काढ़े वाला नुस्खा महिलाओं के लिए पीरियड्स में होने वाले दर्द में भी आराम पहुंचाता है. यह भी पढ़ें : एक्सपर्ट से जानें पीरियड्स में क्या खाएं और क्या नहीं, पेट दर्द, क्रेम्प और मूड स्विंग दूर करेगा सही
ओरल हाइजीन और हेल्थ : मसूड़ों का सूजन, दांत दर्द और मुंह के छाले ठीक करने के साथ ही लसोड़े की छाल का काढ़ा ओरल हेल्थ और हाइजीन के लिए पूरा कवर देता है.
हेयर प्रॉब्लम्स : समय से पहले बाल सफेद होना, बाल गिरना और डैंड्रफ जैसी दिक्कतों में भी लसोड़ा कारगर घरेलू नुस्खा है. लसोड़े के फल के जूस से बालों की दिक्कतों के साथ ही सिरदर्द भी दूर होता है. इन दिनों लसोड़े का तेल और पेस्ट भी काफी पॉपुलर हो रहा है. यह भी पढ़ें : How To Turn White Hair To Black | सफेद बालों को हमेशा के लिए काला कैसे करें? बाल होंगे जड़ों से काले
पोषक तत्वों से भरपूर है लसोड़ा
भले ही आपने लसोड़े का नाम कम सुना हो. लेकिन आपने कहीं न कहीं कभी न कभी इसे देखा जरूर होगा. यह फल गुणों से भरपूर है. इस फल फल में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, आयरन, कैल्शियम और फॉस्फोरस भरपूर मात्रा में होता है.
कैसे करें लसोड़ा का सेवन
अब जब आप जान गए हैं कि लसोड़ा के फायदे कितने हैं तो अगल सवाल यह उठता है कि लसोड़ा का सेवन किस तरह से किया जा सकता है. आप इसे एक फल के तौर पर खा सकते हैं. इसके अलावा लसोड़ा को सूखे मेवे की तरह भी खाया जा सकता है. अक्सर इस फल को सुखाकर इसा चूर्ण तैयार किया जाता है, जिसका सेवन किया जाता है; इसके अलावा कई इलाकों में लसोड़ा के लड्डू भी बनाए जाते हैं.
(सलाह: अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें)