इंसान में लगाई गई सूअर की किडनी

दुनिया में पहली बार हुआ ऐसा आप्रेशन

बोस्टन (न्यूयार्क): मेडिकल सेक्टर में बड़ा चमत्कार हुआ है. दुनिया में पहली बार ऐसा हुआ है जब जीन एडिटिंग वाले किसी सूअर की किडनी इंसान में ट्रांसप्लांट की गई है. यह कारनामा अमेरिका में मैसाच्यूसेट्स हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने किया है.

इसी महीने की 16 तारीख को बोस्टन शहर में डॉक्टरों ने रिचर्ड स्लायमेन नाम के शख्स की किडनी ट्रांसप्लांट की है, जिसकी उम्र 62 साल है. इस खबर के सामने आने से लाखों लोगों की उम्मीदें बढ़ गई हैं. दरअसल,आज दुनिया में तेजी से किडनी खराब हो रही है. ऐसे में बिना मैच के किडनी ट्रांसप्लांट नहीं की जा सकती है. ऐसे में इस रिसर्च को किसी मिरैकल से कम नहीं माना जा रहा है।

इंसान में लगाई गई सूअर की किडनी
रिपोर्ट्स के अनुसार, रिचर्ड काफी समय से डायबिटीज की चपेट में हैं. उनकी किडनी खराब हो गई. करीब 7 साल तक डायलीसिस पर रहने के बाद साल 2018 में इसी हॉस्पिटल में उन्हें एक इंसान की किडनी ट्रांसप्लांट की गई थी लेकिन 5 साल के भीतर ही वह फेल हो गई।

किस सूअर की किडनी ट्रांसप्लांट की गई
रिचर्ड को जिस सूअर की किडनी लगाई गई है, उसे मेसाच्यूसेट्स के ईजेनेसिस ऑफ कैंब्रिज सेंटर में विकसित किया गया है। डॉक्टरों ने इस सूअर से उस जीन को निकाल दिया था, जिससे इंसान को खतरा हो सकता था. साथ ही कुछ इंसान के जीन को भी जोड़ा गया, जिससे इसकी क्षमता में इजाफा हुआ. ईजेनेसिस कंपनी ने सूअर से उन वायरस को भी डिएक्टिव कर दिया, जिससे इंसान को इंफेक्शन हो सकता था. इस तरह इंजीनियरिंग के जरिए सूअर की जो किडनी बची उसमें सूअर के कम गुण ही बचे हैं।

किडनी फेल वाले मरीजों को बड़ी उम्मीद
नेचर जर्नल में पब्लिश रिपोर्ट में बताया गया कि पहले भी इस तरह का प्रयोग हो चुका है. सबसे पहले इस तरह के जेनेटिकली संशोधित किडनी को एक बंदर में फिट किया गया था, जो 176 दिनों तक जिंदा रहा. एक दूसरे केस में दो साल से ज्यादा दिनों तक जिंदा रखा गया था. इसे किडनी फेलियर वाले मरीजों के लिए वरदान माना जा रहा है. बता दें कि अगर इस तरह की किडनी ट्रांसप्लांट पूरी तरह सफल होती है तो मेडिकल में किसी मिरैकल से कम नहीं होगा. क्योंकि अमेरिका मे ंही 1 लाख लोग अंग प्रत्यारोपण के लिए लाइन में हैं. जिसमें सबसे ज्यादा किडनी ट्रांसप्लांट कराने वाले मरीज हैं।

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