उत्तराखण्ड: बिंदाल नदी किनारे की बस्तियों को हटाने का आया ऑर्डर

864 अतिक्रमण को चिह्नित कर जारी किए थे नोटिस

देहरादून : हाईकोर्ट के आदेश पर उर्मिला थापा एवं अन्य याचिकाकर्ताओं की याचिका पर सुनवाई के बाद नगर निगम ने अतिक्रमण को चिह्नित किया था। जिसके दावे-आपत्तियों पर नगर निगम में 10 जून को सुनवाई होनी थी, लेकिन अब इसे आगे बढ़ा दिया गया है। नगर निगम की निगाह शासन में होने वाली बैठक पर टिकी हुई है, जिसमें नॉन जेड ए भूमि और अतिक्रमण पर रुख साफ होना है। इसके बाद ही इस मामले में अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।

दरअसल, रिस्पना-बिंदाल सहित अन्य नदियों के किनारे अतिक्रमण को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है। पूर्व में कोर्ट के आदेश पर नगर निगम ने 2016 के बाद हुए अवैध निर्माण को चिह्नित करने के लिए अभियान चलाया था।इस दौरान 864 अतिक्रमण नदी के किनारे पाए गए थे। जिसके बाद सभी को नगर निगम की ओर से नोटिस भेजा गया था। नगर निगम इन सभी की सुनवाई के लिए 10 जून तक अतिक्रमण की जद में आए लोगों से आपत्तियां या फिर मकान के संबंध में दावे मांगे थे। सुनवाई 10 जून को होनी थी, लेकिन अब सुनवाई आगे बढ़ा दी गई है।

दरअसल हाईकोर्ट में अभी हाल ही में हुई सुनवाई के दौरान उर्मिला थापा वाले मामले में नॉन जेड ए भूमि का संज्ञान लिया है। इसके तहत प्रशासन ने एक अतिक्रमण को भी हटाया। अब शासन में नॉन जेड ए भूमि के लिए स्पष्ट निर्णय लिया जाना है।

व्यापक आदेश के बाद ही अतिक्रमण को हटाने पर रुख साफ हो पाएगा। हाईकोर्ट के आदेश के पर बिंदाल नदी किनारे कराए गए सर्वे के दौरान 864 अतिक्रमण मिले थे। इन सभी को नोटिस जारी किए जा चुके हैं। मामले में सुनवाई 10 जून को होनी थी, इस मामले में अब सुनवाई आगे बढ़ाई गई है। – नमामी बंसल, नगर आयुक्त

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