अब तक के उच्चतम स्तर 16,000 करोड़ रुपये तक पहुंचा भारत का रक्षा निर्यात
भारत ने 84 देशों को अपने रक्षा उत्पाद बेचकर यह चमत्कारिक लक्ष्य हासिल किया

नई दिल्ली। देश का रक्षा निर्यात पहली बार बेतहाशा बढ़ा है। स्वतंत्र भारत के इतिहास में रक्षा निर्यात 21 हजार करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इंटरनेट मीडिया पर देश की एक बहुत बड़ी सफलता की घोषणा कर बताया कि भारत ने 84 देशों को अपने रक्षा उत्पाद बेचकर यह चमत्कारिक लगने वाला लक्ष्य हासिल किया है। इस दिशा में सिर्फ एक वित्त वर्ष में 32.5 प्रतिशत का उछाल आया है।
भारत का रक्षा निर्यात वित्त वर्ष 2022-23 में 15,920 करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया है. इसमें स्वदेशी उन्नत टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (ATAGS) की बिक्री भी शामिल है. इसकी घोषणा बीते शनिवार को रक्षा मंत्रालय ने की.
लगभग 16,000 करोड़ रुपये का निर्यात पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में लगभग 3,000 करोड़ रुपये अधिक है. रक्षा मंत्रालय ने कहा कि 2016-17 के बाद से यह 10 गुने से भी अधिक बढ़ गया है.
इस उपलब्धि को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की प्रतिभा की स्पष्ट अभिव्यक्ति के रूप में वर्णित करते हुए कहा, ‘यह दर्शाता है कि पिछले कुछ वर्षों में इस क्षेत्र में सुधार से अच्छे परिणाम दिख रहे हैं. हमारी सरकार भारत को एक रक्षा उत्पादन केंद्र बनाने के प्रयासों का समर्थन करती रहेगी.
50 कंपनियों ने दिया अहम योगदान
उन्होंने कहा कि रक्षा निर्यात बढ़ाने के लिए न सिर्फ भारत के रक्षा निर्माण क्षेत्र को प्रेरित किया गया बल्कि तकनीकी रूप से आधुनिक बनाने की सुविधाएं बढ़ाई गई हैं। इससे सरकारी और निजी क्षेत्र की कंपनियों के लिए उत्साहजनक वातावरण बन गया है। भारत के रक्षा निर्यात की इस सफलता की कहानी को अंजाम तक पहुंचाने में करीब 50 भारतीय कंपनियों ने अहम योगदान दिया है।
एएलएच हेलीकॉप्टर, कोस्टल सर्विलांस सिस्टम, कवच आदि का निर्यात
भारत के रक्षा निर्यातक भौगोलिक रूप से विश्व के कोने-कोने तक अपनी पहुंच बना चुके हैं। देश के निर्यात किए उत्पाद इटली, मालदीव, श्रीलंका, रूस, यूएई, पोलैंड, फिलीपींस, सऊदी अरब, मिस्र, इजरायल, स्पेन, चिली समेत कई अन्य देशों तक पहुंच रहे हैं। भारतीय रक्षा उत्पादों की मांग वैश्विक स्तर पर बढ़ रही है।
अंतरराष्ट्रीय खरीददारों में भारतीय उत्पादों को लेकर विशेष रुचि
सुरक्षा के क्षेत्र में भारत की क्षमताओं को वैश्विक स्वीकृति मिल चुकी है। जिन भारतीय रक्षा उत्पादों का अधिकाधिक निर्यात किया जा रहा है, उनमें निजी सुरक्षा उपकरण, आफशोर पेट्रोल व्हिकिल, एएलएच हेलीकॉप्टर, एसयू एवियानिक्स, कोस्टल सर्विलांस सिस्टम, लाइट इंजीनियरिंग मैकेनिकल पार्ट्स, कवच एमओडी अन्य कई रक्षा उपकरण शामिल हैं। इन अत्याधुनिक रक्षा उपकरणों और तकनीकों के चलते अंतरराष्ट्रीय खरीददारों की भारतीय उत्पादों में विशेष रुचि है। अभी पिछले महीने ही रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना के लिए 307 एटीएजीएस की खरीद की प्रक्रिया को मंजूरी दी थी.
भारत अब 85 से अधिक देशों को निर्यात कर रहा है. भारतीय उद्योग ने वर्तमान में रक्षा उत्पादों का निर्यात करने वाली 100 फर्मों के साथ डिजाइन और विकास की अपनी क्षमता दुनिया को दिखाई है.
रक्षा मंत्रालय ने इस बात पर प्रकाश डाला कि निर्यात प्रक्रियाओं को सरल बनाया गया है और एंड-टू-एंड ऑनलाइन निर्यात प्राधिकरण के साथ देरी को कम करने और व्यापार करने में आसानी लाने के साथ उद्योग के अनुकूल बनाया गया है.
सरकार ने पार्ट-पुर्जों, सामान और प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण के लिए तीन ओपन जनरल एक्सपोर्ट लाइसेंस (OGEL) के लिए नोटिस जारी किया है.