ममता सरकार का आरोप- केंद्रीय एजेंसियां TMC नेताओं कार्यकर्ताओं को कर रही तंग ?

लेकिन! सच ये है कि अधिकतर मामलों की उच्च/सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर हो रही

(सम्पादकीय) ममता सरकार लाख यह शिकायत करे कि केंद्रीय एजेंसियां घोटालों एवं हिंसा के मामलों की जांच के नाम पर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं कार्यकर्ताओं और समर्थकों को तंग कर रही हैं लेकिन आखिर वह इससे मुंह कैसे मोड़ सकती है कि अधिकतर मामलों की जांच उच्च या सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर हो रही है? इसके लिए ममता सरकार किसी अन्य को दोष नहीं दे सकती।

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने संदेशखाली में तृणमूल कांग्रेस के नेता शाहजहां शेख की ओर से जमीन कब्जाने और महिलाओं के यौन उत्पीड़न के आरोपों की सीबीआइ जांच के आदेश देकर बंगाल सरकार के साथ-साथ एक तरह से वहां की पुलिस की साख पर भी चोट की है। यह आदेश यही बताता है कि न तो बंगाल सरकार पर भरोसा किया जा सकता है और न ही उसकी पुलिस पर।

ममता सरकार लाख यह शिकायत करे कि केंद्रीय एजेंसियां घोटालों एवं हिंसा के मामलों की जांच के नाम पर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं कार्यकर्ताओं और समर्थकों को तंग कर रही हैं लेकिन आखिर वह इससे मुंह कैसे मोड़ सकती है कि अधिकतर मामलों की जांच उच्च या सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर हो रही है? इसके लिए ममता सरकार किसी अन्य को दोष नहीं दे सकती।

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने संदेशखाली में तृणमूल कांग्रेस के नेता शाहजहां शेख की ओर से जमीन कब्जाने और महिलाओं के यौन उत्पीड़न के आरोपों की सीबीआइ जांच के आदेश देकर बंगाल सरकार के साथ-साथ एक तरह से वहां की पुलिस की साख पर भी चोट की है। यह आदेश यही बताता है कि न तो बंगाल सरकार पर भरोसा किया जा सकता है और न ही उसकी पुलिस पर।

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