एनएचएआई हाईवे के किनारे बसेंगे ‘गांव’

होटल, वर्कशॉप, पेट्रोल पंप के अलावा फल-सब्जी व मिठाई की दुकान भी

नई दिल्लीः भारत के लोगों को भी विदेशों की तरह राजमार्गों पर आराम और खानपान की विश्वस्तरीय सुविधाएं मिलेंगी. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) इसके लिए देश के प्रत्येक ग्रीनफील्ड एक्सेस-कंट्रोल्ड हाईवेज पर हर 50 किलोमीटर की दूरी पर ‘हाईवे विलेज’ और ‘हाईवे नेस्ट’ नाम से वे-साइड अमेनिटीज बनाई जाएगी।

अगले पांच वर्षों में देशभर में 1000 स्थानों पर यह सुविधा उपलब्ध कराने का लक्ष्घ्य रखा गया है. हाईवे विलेज और हाईवे नेस्ट में रेस्त्रां, फूड प्लाजा, कार, बस व ट्रकों के लिए पार्किंग, ढाबा, पेट्रोल व गैस स्टेशन, रिपेयर शॉप, रेस्ट रूम ओर डॉरमेट्री की सुविधा होगी. साथ ही किसानों की ताजा फल-सब्जी और स्थानीय हस्तशिल्प की दुकानें भी होंगी।

एनएचएआई राजमार्गों के डिजाइन में ही वे-साइड अमेनिटीज को शामिल करने की तैयारी कर रहा है. पहले राजमार्गों के किनारे 600 एमेनिटीज बनाने की योजना थी. अब इसे बढ़ाकर 1 हजार किया जा रहा है. इनका पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के तहत होगा. एनएचएआई इनके लिए जमीन और सभी जरूरी मंजूरियों उपब्घ्ध कराएगा. निजी क्षेत्र इन सुविधाओं का विकास करेगा और उन्हें 15 से 30 साल तक चलाएगा.

हर 50 किलोमीटर पर होगा निर्माण
ईटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, ग्रीनफील्ड एक्सेस-कंट्रोल्ड हाईवेज पर हर पचास किलोमीटर की दूरी पर वे-साइड अमेनिटीज बनाई जाएंगी. हाईवे विलेज पांच एकड़ से ज्यादा जमीन पर बसाया जाएगा. जहां जमीन पांच एकड़ से कम जमीन पर हाईवे नेस्ट बनेंगे. हाईवे विलेज में हाईवे नेस्घ्ट के मुकाबले ज्घ्यादा सुविधाएं होंगी.

यहां यात्रियों के लिए फ्यूल स्टेशन, इलेक्ट्रिक चार्जिंग सुविधाएं, फूड कोर्ट, खुदरा दुकानें, एटीएम, शॉवर सुविधा के साथ शौचालय, बच्चों के खेलने का क्षेत्र तथा क्लिनिक जैसी सुविधाएं होंगी. इसके अलावा हाईवे विलेज में हस्तशिल्प का सामान बेचे के लिए ग्राम हाट और किसानों के ताजे उत्पाद बेचने के लिए दुकानें भी होंगी.

सुविधाजनक हो जाएगी यात्रा
वे-साइड अमनिटीज के लिए जमीन अधिग्रहण का काम राजमार्गों के जमीन अधिग्रहण के साथ-साथ कर लिया जाएगा. एनएचएआई का मानना है कि हर 50 किलोमीटर पर अमेनिटीज बनाने की यह योजना राजमार्गों से सफर करने वाले लोगों के लिए यात्रा के अनुभव को बेहतर बनाने में मददगार साबित होगी। देश में बन रहे एक्सप्रेसवे पर वे-साइड अमेनिटीज बनाने का प्रस्ताव पहले से ही है. हाईवेज पर भी इस तरह की सुविधाएं मिलने से यात्रियों को तो सुविधा होगी ही, साथ ही स्थानीय स्घ्तर पर इससे रोजगार भी उत्पन्न होगा.

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