केंद्रीय विश्वविद्यालयों में एडमिशन ‘कॉमन एडमिशन पोर्टल’ से होंगे

BHU समेत 4 यूनिवर्सिटी में होगा बदलाव

वाराणसी : बीएचयू समेत देश के चार केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2024-25 की प्रवेश प्रक्रिया में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। यूजी और पीजी कक्षाओं में प्रवेश के लिए छात्र-छात्राओं की काउंसिलिंग अब जेईई की तर्ज पर एक ही कॉमन पोर्टल के जरिये होगी। सीयूईटी के बाद छात्र-छात्राओं को केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए अलग-अलग फॉर्म नहीं भरने पड़ेंगे।

सभी विश्वविद्यालयों में काउंसिलिंग और कैंपस का चयन कॉमन एडमिशन पोर्टल के जरिये किया जाएगा। इसके लिए बीएचयू समेत चार केंद्रीय विश्वविद्यालयों ने अपनी सहमति दे दी है। अब तक नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की ओर से आयोजित कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) पास करने के बाद केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए छात्र-छात्राओं को अलग-अलग फॉर्म भरना पड़ता था। आवेदन के हिसाब से संबंधित विश्वविद्यालयों में छात्र-छात्राओं की काउंसलिंग होती थी। उसके आधार पर उन्हें प्रवेश दिया जाता था।

लेकिन, अब सीयूईटी के बाद छात्र-छात्राओं को कॉमन एडमिशन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। जहां उन्हें प्रवेश के लिए अपनी पसंद के विश्वविद्यालयों को वरीयता देनी होगी। सीयूईटी में मिले अंक और छात्र-छात्राओं की ओर से दी गई वरीयता सूची के आधार पर उन्हें प्रवेश के लिए सीधे विश्वविद्यालय अलॉट कर दिया जाएगा।

इन चार विश्वविद्यालयों ने दी सहमति
कॉमन एडमिशन पोर्टल के जरिये प्रवेश प्रक्रिया के लिए अब तक काशी हिंदू विश्वविद्यालय, जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू), दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) और सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ हैदराबाद ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को अपनी सहमति दे दी है। जबकि कई अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालय इस पर विचार कर रहे हैं। माना जा रहा है कि आने वाले सत्र में एडमिशन की यह नई प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

एक अभ्यर्थी का चार-चार विश्वविद्यालयों की मेरिट में आता है नाम
अब तक की व्यवस्था के मुताबिक सीयूईटी के बाद ज्यादातर छात्र-छात्राएं प्रवेश के लिए एक साथ कई बड़े विश्वविद्यालयों में आवेदन करते हैं। इससे अच्छे मार्क्स वाले छात्र-छात्राओं को चार-चार जगह मेरिट में स्थान मिल जाता है, जबकि उसे प्रवेश एक ही जगह मिलता है। इससे अन्य तीन संस्थानों में सीट खराब हो जाती थी। दूसरी ओर कई अभ्यर्थियों को मौका नहीं मिल पाता है। नई व्यवस्था में इस स्थिति से भी छुटकारा मिलेगा।

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