‘‘आप’’ सरकार के शिक्षा सुधार के सभी दावे पूरी तरह खोखलेः वीरेन्द्र सचदेवा

दिल्ली उच्च न्यायालय ने स्कूलों की बदहाली पर सख्त दिये सख्त निर्देश

नई दिल्ली। दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने आज दिल्ली नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष सरदार राजा इकबाल सिंह एवं मीडिया प्रमुख प्रवीण शंकर कपूर की उपस्थिती में एक पत्रकार सम्मेलन को सम्बोधित करते हुऐ कहा की दिल्ली सरकार के शिक्षा व्यवस्था सुधार के सभी दावे पूरी तरह खोखले हैं और माननीय दिल्ली उच्च न्यायालय की लगातार आती टिपणणीयाँ इसकी पुष्टि करती हैं।

वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा है की विगत दो सप्ताह में दिल्ली उच्च न्यायालय ने दो अलग अलग मामलों में दिल्ली सरकार एवं दिल्ली नगर निगम दोनों के स्कूलों की बदहाली पर सख्त निर्देश दे कर अरविंद केजरीवाल सरकार के विश्व स्तरीय शिक्षा व्यवस्था के दावों की पोल खोल दी है। सचदेवा ने कहा है की दिल्ली उच्च न्यायालय ने उत्तर पूर्वी दिल्ली के सरकारी स्कूलों पर सोशल जूरीसट की रिपोर्ट के बाद दिल्ली के के शिक्षा सचिव को फटकार लगाते हुए तल्ख टिप्पणी की।

न्यायालय ने गत 8 अप्रैल को दिल्ली सरकार के स्कूल टी शेड से चलने, टूटे डेस्क, बदहाल क्लास रूम एवं टायलेट के अलावा एक कक्षा में 144 छात्रों को बैठाया जाने की भर्त्सना की थी। साथ ही न्यायालय ने एक क्लास रूम मे दो तरफ मुंह कर दो क्लासों की पढाई और खेल कूद के अभाव पर चिंता प्रकट करते हुए दिल्ली के शिक्षा सचिव को फटकार लगाई थी। वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा है की खेदपूर्ण है की दिल्ली उच्च न्यायालय के दो सप्ताह पूर्व आये निर्देश के बाद भी अरविंद केजरीवाल शासित दिल्ली सरकार एवं दिल्ली नगर निगम ने स्कूलों में सुधार के लिए कोई काम शुरू नही किया।

केजरीवाल सरकार की अपराधिक लापरवाही है की कल एक मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली उच्च न्यायालय को नगर निगम आयुक्त को सुधार के लिए सख्त निर्देश देने पड़े। न्यायालय ने कहा की यह चिंताजनक है की नगर निगम के स्कूलों में पढ़ने वाले 7 लाख से अधिक छात्रों में से 2 लाख 73 हजार 346 छात्रों को गत वर्ष किताब, कापी, स्कूल वर्दी, बैग आदि नही दिये गये। निगम का कहना है इनके बैंक खाते नही जबकि केन्द्र सरकार के स्पष्ट निर्देश है की छात्रों के जीरो बैलेंस खाते खोले जा सकते हैं।

वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा है की दिल्ली उच्च न्यायालय की दोनों सुनवाई एवं दोनों मामलों में सोशल जूरीसट रिपोर्ट से साफ है की उत्तर पूर्वी दिल्ली, पूर्वी दिल्ली एवं उत्तर पश्चिम दिल्ली संसदीय क्षेत्रों में दिल्ली सरकार एवं नगर निगम के स्कूलों की हालत बहुत ज्यादा खराब है। यह वह क्षेत्र हैं जहाँ आर्थिक रूप से बेहद कमजोर वर्गों के बच्चे पढ़ने आते हैं।

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा है की 9.5 साल से केजरीवाल सरकार का दिल्ली में और डेढ़ वर्ष से नगर निगम में भी शासन है। खुद मुख्य मंत्री केजरीवाल, पूर्व उप मुख्य मंत्री मनीष सिसोदिया एवं वर्तमान शिक्षा मंत्री सुआतिशी विश्व स्तरीय शिक्षा व्यवस्था के दावे करते रहे हैं पर न्यायालय से आ रही टिप्पणी और जमीनी हकीकत बताते हैं केजरीवाल सरकार के व्यवस्था सुधार दावे केवल प्रचार तक सीमित हैं।

भाजपा ने समय समय पर स्कूल रूम – टायलेट निर्माण जैसे केजरीवाल सरकार के घोटाले खोले हैं और न्यायालय की टिपण्णी उन्हे भी सही दर्शा रहे हैं। सचदेवा ने कहा है की दिल्ली वाले देख रहे हैं की शिक्षा मंत्री सुआतिशी शिक्षा मंत्रालय में कम पार्टी प्रेस कॉन्फ्रेंसों में ज्यादा समय लगाती हैं और कर्तव्य से इसी धोखे का परिणाम है स्कूलों की बदहाली। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने मांग की कि दिल्ली सरकार अविलंब शिक्षा व्यवस्था पर श्वेत पत्र लाये और शिक्षा मंत्री आतिशी दिल्ली वालों से माफी मांगे।

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