पीएम मोदी के स्वदेशी उत्पाद का बाबा रामदेव ने किया समर्थन

हमें चीन, अमेरिका और यूरोप के उत्पादों का बहिष्कार करना होगा -बाबा रामदेव ने की देशवासियों से ये अपील

हरिद्वार : स्वामी रामदेव ने पीएम मोदी के स्वदेशी उत्पादों के आह्वान का समर्थन किया है। उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि लोगों को प्रधानमंत्री मोदी के स्वदेशी उत्पादों के आह्वान का समर्थन करना चाहिए, क्योंकि प्रधानमंत्री ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को प्राप्त करना चाहते हैं और देश को आर्थिक और आध्यात्मिक महाशक्ति बनाना चाहते हैं। इसे प्राप्त करने के लिए हमें चीन, अमेरिका और यूरोप के उत्पादों का बहिष्कार करना होगा। स्वास्थ्य क्षेत्र में हमें आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा को अपनाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि को एक दौर था जब राजनीतिक गुलामी दुनिया में चलती थी अब ये आर्थिक गुलामी, वैचारिक-सांस्कृतिक गुलामी और डिजिटल गुलामी का दौर चल रहा है. अगर भारत ने स्वदेशी को नहीं अपनाया तो रुपये और गिरावट आएगी. स्वामी रामदेव ने कहा कि अगर हमें डॉलर, पाउंड और यूरो के मुकाबले भारत के रुपये को और भारत की करेंसी को मजबूत करना है तो पूरी दुनिया में जो भारत विरोधी ताकतें हैं उनको कमजोर करना है और भारत को शक्तिशाली बनाना है तो स्वदेशी को अपनाना ही होगा.

योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि भारत के व्यापारियों को उपभोक्ताओं को, भारत के हिंदु, मुसल्मान, जैन, सिख, बौद्ध आदि सभी वर्ग, समुदाय के लोगों को 100 प्रतिशत स्वदेशी के अपनाने की जरूरत है. कुछ तकनीकी विषयों को छोड़कर रोजमर्रा की हम सभी चाय, साबुन, शैंपू, टूथपेस्ट, क्रीम, पाउडर, जूते, चपल, कपड़े, मोबाइल, घड़ी और गाड़ी सभी में हम स्वदेशी को अपना सकते हैं.

मैं स्वदेशी गाड़ी में चलता हूँ और खड़ाऊं पहनता हूँ
उन्होंने कहा कि मैं स्वदेशी गाड़ी में चलता हूँ, खड़ाऊं पहनता हूँ और कमंडल का इस्तेमाल करता हूँ. 100 प्रतिशत किसी भी चीज में विदेशी वस्तु का प्रयोग नहीं करता हूँ. उन्होंने कहा कि जब मैं स्वदेशी का प्रयोग करके और विदेशी धरती पर जाता हूं, वहां जहाज कुछ विदेशी हैं और विदेशी धरती पर गए तो तब उनकी गाड़ियों में चलना पड़ता है. नहीं तो मैं 99% विदेशों में भी रह करके स्वदेशी का प्रयोग करता हूँ, अपने यहां से साबुन, शैंपू, टूथपेस्ट ले करके जाता हूँ.

कभी ट्रंप भारत को आंख दिखाता है- रामदेव
उन्होंने कहा कि अगर ऐसी प्रतिबद्धता देश के नागरिकों की होगी तो चाइना अपने से पैसा पाकर के पाकिसान के पीछे खड़ा हो जाता है और भी बहुत सी भारत विरोधी ताकते हैं पुरी दुनिया में. आर्थिक दृष्टि से, वैचारिक दृष्टि से और राजनीतिक दृष्टि से भारत के लिए चुनौतियां बनती हैं. कभी ट्रंप भारत को आंख दिखाता है, कभी शी जिनपिंग हमारे शत्रुओं के साथ में जाकर के खड़ा हो जाता है. उन्होंने कहा कि भारत के लोग जब घूमने के लिए भी जाएं तो भारत के मित्र देशों में ही जाएं.

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