कोर्ट ने के. कविता को 23 अप्रैल तक हिरासत में भेजा

के. कविता ने कहा कि ये केस विपक्ष को दबाने के लिए है

नई दिल्ली: दिल्ली शराब घोटाला मामल में गिरफ्तार बीआरएस नेता के. कविता को मंगलवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया. राउज एवन्यू कोर्ट ने के. कविता को अब 23 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. इससे पहले कोर्ट में पेश हुईं के. कविता ने भरी अदालत में जज साहब के सामने अपनी बात रखने की मांग की, जिस पर कोर्ट ने तुरंत इनकार कर दिया और इसकी इजाजत नहीं दी.

दरअसल, 14 दिन की न्यायिक हिरासत खत्म होने के बाद अदालत में पेश किया गया था. इस दौरान के. कविता के वकील ने जज के समक्ष अपनी बात रखने की मांग की. इस पर कोर्ट ने के. कविता के वकील को लिखित में देने के लिए कहा. कोर्ट ने कहा कि के. कविता को जो भी कहना है, वो लिखित में दे दीजिए. इसके बाद के कविता ने कोर्ट से लिखित में कहा कि सीबीआई ने मेरा बयान दर्ज कर लिया है और इस केस में कुछ नया नहीं है..ये एक राजनीतिक मुकदमा है.

के. कविता ने कहा कि ये केस विपक्ष को दबाने के लिए है. सीबीआई ने भी मुझसे वही सवाल पूछे. इससे पहले के. कविता को न्यायिक हिरासत में भेजे जाने की मांग करते हुए ED ने कहा कि के. कविता ने सबूतों से छेड़छाड़ और गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश की. बता दें कि के. कविता को ईडी ने 15 मार्च को गिरफ्तार किया था. 26 मार्च को राउज एवेन्यू कोर्ट ने के. कविता को न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेजा था.

बता दें कि इससे पहले दिल्ली आबकारी घोटाला मामला में दिल्ली की एक अदालत ने दिल्ली आबकारी नीति से संबंधित धन शोधन मामले में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता के. कविता को अंतरिम जमानत देने से सोमवार को इनकार कर दिया था. विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि यह उन्हें अंतरिम जमानत देने का उचित समय नहीं है. कविता ने अदालत से अंतरिम जमानत दिए जाने का आग्रह करते हुए कहा था कि उनके 16 वर्षीय बेटे की परीक्षाएं हैं और उसे अपनी मां के ‘‘नैतिक और भावनात्मक समर्थन’’ की जरूरत है.

विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने कहा कि इस अदालत के समक्ष रखी गई सामग्री से ऐसा प्रतीत होता है कि आवेदक अपने फोन और डिजिटल उपकरणों को फॉर्मेट करके न केवल भौतिक साक्ष्य को नष्ट करने में लगी थीं, बल्कि उन्होंने गवाहों को प्रभावित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और इस बात की पूरी संभावना है कि यदि उन्हें राहत प्रदान की जाती है तो वह ऐसा करना जारी रखेंगी. न्यायाधीश ने कहा कि कविता को उच्च शिक्षित बताया गया है और किसी भी मानक के अनुसार यह नहीं कहा जा सकता कि ‘‘एक कमजोर महिला को कथित अपराध करने के लिए बलि का बकरा’’ बनाया जा सकता है. अदालत ने कहा कि वह निस्संदेह एक ‘सुशिक्षित’ और ‘समाज में अच्छा स्थान वाली महिला’ हैं.

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