हैदराबाद में प्लानिंग के साथ पत्नी ने दिया मर्डर को अंजाम,
खूबसूरत पत्नी स्वाति ने प्रेमी संग मिलकर हत्या कर दी थी

नई दिल्ली/हैदराबाद: यह कहानी सुधाकर रेड्डी की है, जिसकी खूबसूरत पत्नी स्वाति ने प्रेमी संग मिलकर हत्या कर दी थी और अपने नए प्यार को पुराने का चेहरा देकर दुनिया के सामने अपने जुर्म की सरेआम नुमाइश कर रही थी।
सुधाकर रेड्डी और क्या थी उसकी वाइफ स्वाति और प्रेमी राजेश के जुर्म की कहानी
वो उसपर जान छिड़कता था। दिल अजीज आहें जो भर देती, तो खुद को कुर्बान करता था। वो आंखों का तारा थी। पूरा परिवार लट्टू हुए आगे-पीछे घूमता था। वो थी भी अपने नाम स्वाति की तरह खूबसूरत। बोल कोयल से मीठे थे, बातें ऐसी कि पलभर में कोई भी दीवाना हो जाए। लेकिन उसे क्या पता था कि जिस सितमगर की अदाओं पर वो मरता था, वही उसका कत्ल कर देगी और प्रेमी को उसका चेहरा देकर उसके इश्क को सरेआम नीलाम कर देगी। ये लाइनें न शायरी हैं, न कोई फिल्म।
26 नवंबर, 2017 को हैदराबाद में एक कत्ल हुआ। एक ऐसा कत्ल, जिसके राज से जब पर्दा हटा, तो सुनने वालों के होश उड़ गए। मर्डर का ये ऐसा केस था, जिसने पुलिस के बड़े-बड़े अफसरों को सोचने पर मजबूर कर दिया। हैदराबाद में स्वाति रेड्डी अपने पति सुधाकर रेड्डी, दो बच्चों और माता-पिता के साथ रहती थी। भरा-पूरा परिवार था। 32 साल का सुधाकर 27 साल की स्वाति से प्यार भी बेहद करता था।
दूसरे मर्दों की तरह काम के सिलसिले में सुधाकर को भी अक्सर बाहर जाना पड़ता था। ऐसे में स्वाति को अकेलापन महसूस होने लगा। और, इसी मोड़ पर स्वाति की मुलाकात सी राजेश रेड्डी नाम के शख्स से हो गई। एक प्राइवेट अस्पताल में फिजियोथेरेपिस्ट की नौकरी करने वाला राजेश कुंवारा था। दोनों के बीच फोन पर रात-रात भर बातें होने लगीं। बातें बढ़ीं तो सिलसिला मुलाकातों तक पहुंच गया और फिर दोनों के बीच एक अवैध रिश्ता पनपने लगा।
राजेश स्वाति पर बुरी तरह फिदा था। उसकी कही हर बात मानता था। अब दोनों के लिए अलग रहना मुश्किल हो रहा था। एक दिन स्वाति ने टीवी पर तेलुगु फिल्म येवाडु देखी और फिल्म देखकर उसके दिमाग में एक खतरनाक साजिश ने जन्म ले लिया। प्लान था सुधाकर को रास्ते से हटाने का, उसे कत्ल करने का। एक दिन जब सुधाकर गहरी नींद में था, तो स्वाति और राजेश ने उसे एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगा दिया। सुधाकर बेहोश हो गया। अब राजेश और स्वाति ने तकिए से सुधाकर का मुंह दबाकर उसे मार डाला। दोनों ने लाश को उठाया और महबूबनगर के जंगलों में जाकर जला दिया। राजेश और स्वाति की जिंदगी से सुधाकर नाम का कांटा हमेशा के लिए हट चुका था।
अब बारी थी प्लान नंबर-2 की। दो दिन बाद 28 नवंबर को दोनों फिर से मिले। प्लान के मुताबिक स्वाति ने राजेश के चेहरे को तेजाब से जला दिया। राजेश ने भी खुशी-खुशी अपने चेहरे पर तेजाब डलवा लिया। प्लानिंग इतनी मजबूत थी कि कब, क्या और कैसे करना है, ये सबकुछ पहले से तय था। कहां पर इलाज कराना है, कितना खर्चा आएगा… सारी जानकारी पहले से जुटा ली गई थी।
राजेश का चेहरा तेजाब से जलाने के बाद स्वाति ने सुधाकर के घरवालों के फोन किया। उसने उन्हें बताया कि किसी ने सुधाकर पर तेजाब फेंक दिया है और वो उसे लेकर अस्पताल जा रही है। सुधाकर के माता-पिता और रिश्तेदार अस्पताल पहुंच गए। सुधाकर के पिता ने डॉक्टर से कह दिया कि चाहे जितने पैसे लगें, उनके बेटे की जान बचनी चाहिए। लेकिन, उन्हें क्या पता था कि जिसे वो अपना सुधाकर समझ रहे हैं, तो तो कोई और है।
शक था, लेकिन मां-बाप का दिल नहीं माना
सुधाकर बनकर अस्पताल के बेड पर लेटे राजेश की प्लास्टिक सर्जरी हुई। हालत भी पहले से काफी ठीक हो गई। रिश्तेदार हाल-चाल लेने के लिए आने लगे। लेकिन, इसी बीच उसकी कुछ हरकतों ने उनके मन में एक शक डाल दिया। अपने ही रिश्तेदारों को वो पहचान नहीं पाता था। स्वाति हमेशा उसके साथ रहती थी लेकिन उसे ना तो पुरानी बातें याद आती और ना ही लोग। ऐसा होता भी कैसे, क्योंकि वो तो सुधाकर था ही नहीं। ऐसे में स्वाति और राजेश ने एक और चाल चली। अब स्वाति और राजेश ने याद्दाश्त पर असर पड़ने का नाटक करना भी शुरू कर दिया। इसके बावजूद सुधाकर के मां-बाप का शक बढ़ रहा था। दोनों को लगने लगा था ये उनका बेटा नहीं है, लेकिन दिल मानने को तैयार नहीं था।
सूप पी लेता, तो कभी ना पकड़ा जाता राजेश
और फिर, वही हुआ, जो हमने आपको इस खबर की शुरुआती लाइन में बताया। राजेश ने आखिरकार वो सुराग छोड़ ही दिया, जिससे उन दोनों की इस खतरनाक प्लानिंग पर पानी फिर गया। एक दिन राजेश को अस्पताल की तरफ से पीने के लिए मटन सूप दिया गया। राजेश ने सूप पीने से इंकार कर दिया। उसने कहा कि वो तो शाकाहारी है। शायद स्वाति अपनी पूरी प्लानिंग में राजेश को ये बताना भूल गई थी कि सुधाकर मांसाहारी था। उस वक्त अस्पताल के उस कमरे में सुधाकर का एक रिश्तेदार बैठा था। उसने पूरी बात सुधाकर के पिता को जाकर बताई। अब कुछ रिश्तेदार और सुधाकर के माता-पिता एक साथ राजेश से मिलने अस्पताल पहुंचे।
कहानी सुनकर पुलिस के अधिकारी भी हैरान
उन्होंने राजेश से सुधाकर की वो बातें की, जो बेहद निजी थी। इन बातों के बारे में या तो सुधाकर को पता था, या फिर उसके रिश्तेदारों और उसकी पत्नी स्वाति को। राजेश ने हर बात का गोलमोल जवाब दिया। उसकी पोल खुल चुकी थी, लेकिन सुधाकर के पिता और रिश्तेदारों ने ऐसा जाहिर नहीं होने दिया। सभी लोग ये कहकर कमरे से बाहर निकल आए कि सब ठीक हो जाएगा। यहां से निकलते ही सुधाकर के माता-पिता अपने दूसरे बेटे के साथ पुलिस के पास पहुंचे। पुलिस ने कहानी सुनी, तो वो भी चौंक गई। पुलिस तो ये जांच तो कर रही थी कि सुधाकर पर तेजाब किसने और क्यों फेंका, लेकिन यहां तो पूरी कहानी ही अलग निकली।