उत्तराखण्ड धर्मांतरण के कानून को और सख़्त करेगी धामी सरकार
पुलिस मुख्यालय स्तर पर गठित होगी एसआईटी

देहरादून : धर्मांतरण के कानून को धामी सरकार और सख्त बनाएगी। सचिवालय में उच्चाधिकारियों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड सीमांत प्रदेश होने के साथ ही सनातन की पुण्य भूमि भी है। इसलिए यहां डेमोग्राफी में बदलाव की किसी भी कोशिश को सख्ती से रोका जाए। उन्होंने कहा कि पुलिस इस तरह की संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखे।
कानून को करेंगे और कठोर
उत्तराखंड में जबरन धर्मांतरण के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य सरकार अब धर्मांतरण विरोधी कानून को और अधिक कठोर बनाने जा रही है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि देवभूमि की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान से कोई भी खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसी क्रम में आगामी अगस्त माह में गैरसैंण में होने वाले मानसून सत्र में उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता विधेयक 2022 में संशोधन प्रस्ताव पेश किया जाएगा।
प्रदेश में चल रहे ऑपरेशन कालनेमि की निगरानी के लिए पुलिस मुख्यालय स्तर पर एसआईटी गठित की जाएगी। इसके अलावा जबरन व प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन रोकने के लिए धर्मांतरण कानून को और सख्त बनाया जाएगा। सोमवार को सचिवालय में उच्च अधिकारियों की बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह निर्देश दिए।
पूरे राज्य में 200 से अधिक ढोंगियों को भेजा जा चुका है जेल
सीएम ने कहा, हाल की घटनाओं को देखते हुए धर्मांतरण कानून को और सख्त बनाने के लिए शीघ्र ही उचित कदम उठाए जाएं। देवभूमि उत्तराखंड में सनातन धर्म की आड़ में लोगों को ठगने और उनकी भावनाओं से खिलवाड़ करने वाले छद्म भेषधारियों के खिलाफ ऑपरेशन कालनेमि सफल रहा है। इस मुहिम को आगे भी चलाए जाने की जरूरत है। निगरानी के लिए पुलिस मुख्यालय के स्तर पर एसआईटी गठित की जाएगी। बता दें कि 10 जुलाई को मुख्यमंत्री के छद्म भेषधारियों के खिलाफ ऑपरेशन कालनेमि चलाने के निर्देश पर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की थी। अब तक पूरे राज्य में 200 से अधिक ढोंगियों को जेल भेजा जा चुका है।
किसी भी हालत में उत्तराखंड की डेमोग्राफी चेंज नहीं होने देंगे : धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, किसी भी हालत में उत्तराखंड की डेमोग्राफी चेंज नहीं होने देंगे। समान नागरिक संहिता में लिव इन रिलेशनशिप के लिए पंजीकरण अनिवार्य करने से बहन-बेटियों की सुरक्षा सुनिश्चित हुई है। सीएम आवास के मुख्य सेवक सदन में राष्ट्र भक्ति आश्रम ट्रस्ट की ओर से समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने पर मुख्यमंत्री धामी को सम्मानित किया गया।
इस मौके पर उन्होंने कहा, उत्तराखंड की जनता के आशीर्वाद से ही राज्य में यूसीसी का सपना साकार हो पाया। प्रदेश सरकार ने यूसीसी लागू कर बाबा साहब भीमराव आंबेडकर को श्रद्धांजलि देने का काम किया है। राज्य में यूसीसी लागू होने से अब राज्य में सभी नागरिकों के अधिकार समान हो गए हैं। यूसीसी ने समाज में भेदभाव खत्म करने का काम किया है।
26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में राष्ट्रीय पर्व के तौर पर मनाने का निर्णय
समान नागरिक संहिता में महिलाओं के अधिकारों को सुरक्षित किया गया हैं। लिव इन रिलेशनशिप के लिए पंजीकरण अनिवार्य किए जाने से महिला सुरक्षा सुनिश्चित हुई है। उत्तराखंड से शुरू हुई यूसीसी की गंगा पूरे देश में जाएगी। हमारी विचारधारा सामाजिक समरसता, सांस्कृतिक चेतना और राष्ट्रीय एकता जैसे मूल्यों पर आधारित रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में राष्ट्रीय पर्व के तौर पर मनाने का निर्णय लिया गया है।
प्रधानमंत्री के नेतृत्व में बाबा साहेब की स्मृतियों से जुड़े प्रमुख स्थलों को राष्ट्र चेतना के पंच तीर्थ के रूप में भी विकसित किया जा रहा है। राज्य सरकार ने सख्त दंगारोधी कानून, धर्मांतरण कानून और ऑपरेशन कालनेमि जैसे कई कड़े फैसले लिए हैं। कार्यक्रम में पूर्व राज्यपाल व पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी, साध्वी रेणुका, स्वामी निरंजन चैतन्य महाराज, आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष विनय रुहेला, विधायक सुरेश गड़िया, उत्तर प्रदेश के सफीपुर के विधायक बंबा लाल दिवाकर समेत अन्य लोग मौजूद रहे।