Kanpur आइआइटी के छात्रों और प्रोफेसरों ने निकाली कांवड़ यात्रा
समाज को दिया नया संदेश, सामाजिक समरसता और शांति का प्रतीक बनाकर किया पेश

कानपुर : आइआइटी कानपुर के छात्रों और प्रोफेसरों ने सावन के पावन महीने में कांवड़ यात्रा निकालकर समाज को एक नया संदेश दिया। जहां देशभर में कांवड़ यात्रा को लेकर कई तरह की बातें हो रही हैं, वहीं आइआइटी के छात्रों ने इसे सामाजिक समरसता और शांति का प्रतीक बनाकर पेश किया। छात्रों ने सरसैया घाट से गंगाजल लेकर आनंदेश्वर महादेव मंदिर तक पदयात्रा की और मंदिर में भगवान शिव का गंगाजल से अभिषेक कर सभी के कल्याण की प्रार्थना की।
सरसैया घाट से दर्जनों छात्रों और शिक्षकों का दल हर -हर महादेव का नाम लेकर आगे बढ़ते दिखाई दिए। हाथ और कांधे की बहंगी में गंगाजल लेकर निकले विज्ञानियों ने कहा कि विज्ञान और धर्म का स्वभाव परस्पर विरोधी नहीं है। आस्था और भावना के साथ धर्म चेतना हर मनुष्य के साथ जुड़ी है। आइआइटी में पढ़ाई करने वाले छात्र भी अपनी धार्मिकता के अनुसार जीवन जीते हैं। हम सभी लोगों की आस्था भगवान शंकर के साथ है।
यात्रा की अगुवाई कर रहे शोधछात्र शिवम ने कहा कि जब आस्था और विज्ञान एक साथ चलते हैं, तब समाज में चमत्कार होते हैं। हमारे देश ही नहीं दुनिया के सभी बड़े साइंटिस्टों की अपनी धार्मिक आस्थाएं बहुत गहरी थीं। आइआइटी में अध्ययन एवं शोध कार्य की वजह से हम लोगों का लंबी कांवड़ यात्रा में जाना संभव नहीं है। इसलिए प्रतीकात्मक यात्रा लेकर निकले हैं।
दोपहर डेढ़ बजे सरसैया घाट से चलकर लगभग ढाई किमी दूर आनंदेश्वर धाम पहुंचे विज्ञानियों के दल ने बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक व पूजन किया। महंत बालयोगी अरुण चैतन्यपुरी ने इस मौके पर सभी श्रद्धालुओं का उत्साहवर्धन किया और पूजन विधान के बारे में बताया।
कांवड़ दल में आइआइटी शिक्षकों में प्रोफेसर नचिकेता तिवारी , राजेश रंजन, अखिलेश विमानी, डीपी मिश्रा और छात्रों में शिवम सिंह, गोपाल गुप्ता, विशाल सिंह, निलय श्रीसत, शुभम राज, पवन शर्मा, हिमांशु यादव, अमन शुक्ल, शुभम सक्सेना, अदिति , रणोजित दास, अभिषा, स्वाती, विशाल चक्रधारी, रोहित, अभिषेक शुक्ल, शिवम श्रीवास्तव, आयुषी ओझा, दिव्यमान पाल, यशस्वी महाजन, कुलदीप ठाकरे, रविंद्र विश्वकर्मा, अयन गुप्ता, प्रथम शर्मा, यश गिरी, अरविंद योगी शामिल हैं।