भारत में 2024 में 66 प्रतिशत बढ़ सकती है ईवी की बिक्री

इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर रुझान उद्योग के लिए एक बदलाव का प्रतीक

मुम्बई: भारत में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) की बिक्री इस साल 66 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है, जो कि 2023 में लगभग दोगुनी बढ़ोतरी हुई है। यह बढ़ोतरी सरकारी सब्सिडी और बेहतर बुनियादी ढांचे की बदौलत हासिल हुआ है, जैसा कि काउंटरपॉइंट की एक रिपोर्ट कहती है। यह उछाल अमेरिका और चीन जैसे प्रमुख बाजारों में धीमी ईवी बढ़ोतरी के उलट है।
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रिपोर्ट में भविष्यवाणी की गई है कि 2030 तक, ईवी भारत के व्यक्तिगत वाहन बाजार का लगभग एक तिहाई हिस्सा बन जाएंगे। टाटा मोटर्स भारतीय ईवी बाजार का नेतृत्व करता है, जिसने 2023 में कुल कार बिक्री का 2 प्रतिशत हिस्सा हासिल किया था। जबकि सरकार 2030 तक 30 प्रतिशत हिस्सेदारी का लक्ष्य रखती है।
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टाटा मोटर्स की प्रमुख स्थिति के बावजूद, महिंद्रा एंड महिंद्रा और चीनी वाहन निर्माता BYD ने पिछले साल पकड़ बनाई है। महिंद्रा एंड महिंद्रा ने अपने XUV400 मॉडल के साथ लगभग 2,500 प्रतिशत की ईवी बिक्री बढ़ोतरी देखी। जबकि BYD ने अपने e6 MPV और Atto 3 एसयूवी मॉडल के साथ 1,500 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोतरी दर्ज की।

भारत सरकार ने पिछले महीने कुछ मॉडलों पर ईवी आयात टैक्स कम कर दिया। अगर कार निर्माता कम से कम 500 मिलियन डॉलर का निवेश करने और तीन साल के भीतर घरेलू विनिर्माण शुरू करने की प्रतिबद्धता जताते हैं। तो यह कदम टेस्ला सहित विदेशी वाहन निर्माताओं के लिए एक जीत के रूप में देखा जा सकता है।

भारत में ईवी की बिक्री में उछाल सिर्फ एक स्थानीय घटना नहीं है। बल्कि वैश्विक ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए भी इसके कई मायने हैं। दुनिया के सबसे बड़े ऑटोमोबाइल बाजारों में से एक के रूप में, भारत का इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर रुझान उद्योग के लिए एक प्रमुख बदलाव का प्रतीक है। विदेशी वाहन निर्माता भारत को अपने इलेक्ट्रिक उत्पादों के लिए एक प्रमुख बाजार के रूप में तेजी से देख रहे हैं, जिससे देश में ज्यादा प्रतिस्पर्धी और विविध ईवी बाजार बन सकता है।

आगे की चुनौतियां
आशावादी नजरिए के बावजूद, भारतीय ईवी बाजार को कुछ चुनौतियों से पार पाना होगा। इनमें चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में और निवेश की जरूरत, रेंज की चिंता से जुड़े मुद्दों को हल करना और यह सुनिश्चित करना शामिल है कि ईवी को चलाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली बिजली रिन्युएबल (नवीकरणीय) स्रोतों से आती है। ताकि उनके पर्यावरणीय फायदों को बढ़ाया जा सके।

भारत सरकार की सहायक नीतियों, बढ़ते बुनियादी ढांचे और विदेशी वाहन निर्माताओं के एंट्री के साथ, भारत में इलेक्ट्रिक वाहन बाजार आने वाले वर्षों में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी के लिए तैयार है। यह बढ़ोतरी न सिर्फ स्वच्छ और ज्यादा टिकाऊ परिवहन की ओर बदलाव का प्रतिनिधित्व करती है। बल्कि ऑटोमोबाइल क्षेत्र में व्यवसायों और निवेशकों के लिए नए मौके भी पेश करती है।

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