बरेली में फरीदपुर से फर्जी दरोगा गिरफ्तार

खाकी वर्दी पहन दिखाता था रौब, पुलिस ने भेजा जेल

बरेली : बरेली के फरीदपुर में गिरफ्तार जितेंद्र सिंह खैरा की असलियत जानकर पुलिसवाले भी हैरान रह गए। आरोपी विदेश भेजने के नाम पर लोगों से ठगी करता था। खुद को दरोगा बताकर लोगों को जेल भेजने की धमकी देता था। पुलिस के अनुसार आरोपी जितेंद्र सिंह खैरा करीब 24 लोगों को विदेश भेज चुका है।

उसने करीब सात लोगों से विदेश भेजने के नाम पर 20 लाख रुपये की ठगी की है। आरोपी यूरोप भेजने के नाम पर प्रत्येक व्यक्ति से सात लाख व कनाडा भेजने पर आठ लाख रुपये लेता था। आरोपी के पास से पुलिस की टोपी, नेम प्लेट, एक कार, पुलिस का फर्जी आई कार्ड और यूक्रेन की नागरिकता का प्रमाणपत्र भी बरामद हुआ है। बुधवार को उसे जेल भेज दिया गया।

फरीदपुर थाना क्षेत्र के गांव भगवानपुर फुलवा द्वारकेश शुगर फैक्टरी के समीप निक्का ढाबा निवासी जितेंद्र सिंह खैरा को पुलिस ने चेकिंग के दौरान गिरफ्तार किया था। आरोपी हूटर व पुलिस की लाइट लगी कार से जा रहा था। आरोपी लोगों को विदेश भिजवाने के नाम पर ठगी करता था। लोगों को जब उसकी हकीकत पता चलती थी तो वह रुपये मांगते थे। जिस पर वह दरोगा होने का रौब दिखाकर उन्हें धमका देता था। वह व्हाट्सएप डीपी पर दरोगा की वर्दी में फोटो लगाता रहता था।

लखीमपुर खीरी के मैलानी थाना क्षेत्र के ग्राम ग्रंट नंबर तीन निवासी दलबीर सिंह ने आरोपी के खिलाफ फरीदपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि जितेंद्र सिंह खैरा ने पिछले वर्ष जुलाई में उन्हें व कई अन्य लोगों को जर्मनी भेजने के नाम पर लगभग 15 से 20 लाख रुपये लिए थे।

आरोपी ने तमाम लोगों के प्रमाणपत्र भी अपने पास रख लिए। वह पीड़ितों के प्रमाणपत्र और रुपये वापस नहीं दे रहा था। आरोपी विदेश जाने का फर्जी वीजा देता था। उसके पास एक सफेद रंग की कार है, जिस पर पुलिस की लाइट व हूटर लगा रखा है। पीड़ित दलबीर सिंह से आरोपी ने 3.54 लाख रुपये यूपीआई के माध्यम से लिए। रुपये वापस मांगने पर फर्जी दरोगा ने जेल भेजने की धमकी दी।

उत्तराखंड के ऊधम सिंह नगर जिले के पंतनगर निवासी छात्रा प्राची सिंह ने पुलिस को बताया कि वह नकटिया में कमरा लेकर रहती हैं और बरेली के एक निजी विश्वविद्यालय की छात्रा हैं। जितेंद्र ने प्राची सिंह को विदेश भिजवाने के लिए उनके शैक्षिक प्रमाणपत्र ले लिए। होटल मनी के लिए उसने 51 सौ रुपये ठग लिए। छात्रा ने उससे जर्मनी जाने का वीजा दिलाने की बात कही थी। हालांकि जितेंद्र ने उसे लग्जमबर्ग का फर्जी वीजा देकर आठ लाख रुपये मांगे। छात्रा ने जब उससे अपने प्रमाणपत्र मांगे तो उसे भी जेल भिजवाने की धमकी दी।

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