जम्मू-कश्मीर पीपुल्स फ्रीडम लीग के चार गुटों को पांच साल के लिए UAPA के तहत ‘गैरकानूनी सहयोगी’ घोषित
आतंकवाद के जरिए जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा

नई दिल्लीः गृह मंत्रालय (MHA) ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर पीपुल्स फ्रीडम लीग के चार गुटों को पांच साल के लिए UAPA के तहत ‘गैरकानूनी सहयोगी’ घोषित कर दिया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर पीपुल्स फ्रीडम लीग को पांच साल के लिए ‘गैरकानूनी एसोसिएशन’ के तौर पर नामित किया है.
गृहमंत्री ने कहा कि इस संगठन ने आतंकवाद के जरिए जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा देकर भारत की अखंडता को खतरे में डाला. मोदी सरकार आतंकी गतिविधियों में शामिल लोगों और संगठनों को नहीं बख्शेगी.
ट्रिब्यूनल का काम ये देखना होगा कि दोनों संगठनों को गैरकानूनी संगठन घोषित करने के लिए पर्याप्त कारण हैं या नहीं. ट्रिब्यूनल में दिल्ली हाई कोर्ट की जज नीना बंसल कृष्णा शामिल हैं. मुस्लिम कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर (सुमजी गुट) और मुस्लिम कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर (भट गुट) को केंद्र सरकार ने हाल ही में प्रतिबंधित संगठन घोषित किया था.
गृह मंत्रालय ने सोमवार (18 मार्च, 2024) को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) न्यायाधिकरण के गठन की घोषणा की. ट्रिब्यूनल का गठन मुस्लिम कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर (सुमजी गुट) और मुस्लिम कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर (भट गुट) को लेकर किया गया है.
दोनों गुटों पर पांच साल का बैन लगाया गया था. इसको लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि ये फैसला आतंकवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने को लेकर लिया गया है.