जूते के डिब्बों से बाथरूम तक हर जगह लगी थी नोटों की तह

पर्ची किंग: महज 20 साल पहले तक आटा चक्की चलाने वाला आगरा का रामनाथ डंग आज का पर्ची किंग है. ये वो ही रामनाथ डंग है, जिसके यहां से आयकर छापे में जब नोटों की गड्डियां निकलनी शुरू हुई तो एक के बाद एक नोटों का अंबार लग गया. पहले ही दिन बेड से, जूतों के डिब्बों और बाथरूम से नोटों की गड्डियां इतनी बड़ी संख्या में बरामद हुई कि उनकी गिनती करीब 80 करोड़ तक जा पहुंची.

शू बिजनेस की आड़ में पर्ची कारोबार का काला धंधा

रामनाथ डंग ने आटा चक्की के बाद हींग की मंडी में हरमिलाप ट्रेडर्स के नाम से फुटवियर मैटेरियल सप्लाई का काम शुरू किया था. हरमिलाप ट्रेडर्स दिखाने के लिए शू मैटेरियल ट्रेडिंग का कारोबार करता है, मगर उसका असल काम कुछ और ही है. रामनाथ डंग का असली काम पर्ची कारोबार का है. पर्ची कारोबार उसे कहते है, जिसमें कोई दुकानदार जूता कारखानेदार को माल की एवज में पेमेंट ना देकर एक पर्ची देता है, जिस पर लिखा होता है कि आगामी तीन महीने बाद पेमेंट मिल जाएगा.

देखते ही देखते काली कमाई से बन गया करोड़पति

इसी पर्ची को लेकर कारखानेदार रामनाथ डंग के पास आकर पेमेंट ले जाता था. इस पर्ची के आधार पर रामनाथ डंग तीन महीने बाद ब्याज सहित अपनी रकम उस दुकानदार से ले लेता था. बताया जा रहा है कि रामनाथ डंग एक से पांच फीसदी तक ब्याज वसूल लिया करता है. आयकर विभाग को छापेमारी के दौरान कई करोड़ की ऐसी अवैध पर्चियां बरामद हुई हैं. इन्हीं पर्चियों के बूते पर रामनाथ डंग काली कमाई का कुबेर बन बैठा. रामनाथ डंग अपने दो बेटों राजीव और संजीव डंग के साथ अपने इस कारोबार को चला रहा है.

ये जूता कारोबारी भी धन बटोरने में नहीं रहे पीछे

वहीं बीके शूज का मालिक अशोक मिड्डा भी चंद सालों में करोड़ों की संपत्ति का मालिक बन बैठा. एमजी रोड के धाकरान चौराहा पर बना बीके शूज का शोरूम छोटे छोटे कारखानेदारों से जूते बनवा कर खरीदता है. उसके बाद देश भर के कई राज्यों में उसकी सप्लाई की जाती थी. बीके शूज का मालिक अशोक मिड्डा भी अपने कारखानेदारों को पर्चियां देता था. मंशु फुटवियर का मालिक अशोक मिड्डा का ही भाई है. ये भी शू कारोबारी हैं. इन दोनों के यहां से भी करोड़ों की अघोषित आय सरेंडर होने की बात कही जा रही है.

आयकर विभाग की छापेमारी में हुआ बड़ा खुलासा
बताते चलें कि आयकर विभाग ने गुप्त सूचना मिलने पर आगरा के जूता कारोबारियों के ठिकानों पर 3 दिन पहले बड़ी रेड की है. इस छापेमारी में विभाग को करीब 80 करोड़ रुपये की नकदी बरामद हुई. यह नकदी इतनी ज्यादा थी कि उसे गिनने के लिए कई मशीनें मंगवानी पड़ी. छापेमारी से बचने के लिए भ्रष्ट कारोबारियों ने बाथरूम, अलमारी, गोदाम समेत तमाम जगह नोटों के ढेर छुपा रखे थे.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button