इराकी सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर की बगदाद में घर के बाहर गोली मारकर हत्या

बगदाद: इराकी टिकटॉक स्टार ओम फहाद की शनिवार देर रात पूर्वी बगदाद के जोयौना जिले में उनके घर के बाहर हमले में गोली मारकर हत्या कर दी गई. इसकी जानकारी अल जजीरा द्वारा दी गई है. शोर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म टिकटॉक की वायरल क्रिएटर को एक अज्ञात हमलावर ने गोली मार दी, जो मोटरसाइकिल पर काले कपड़े और हेलमेट पहने हुए आया था. ओम एसयूवी में बैठी थी और वह उसकी ओर बढ़ा और उसे गोली मार दी.

हमलावर मोटरसाइकिल पर सवार होकर आए थे. इन लोगों ने काले कपड़े और हेलमेट पहन रखा था. हमलावर बाइक से उतरे काले रंग की एसयूवी में बैठी ओम फहाद की ओर बढ़ा और उन्हें गोलियों से भून दिया. ये घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई है. आंतरिक मंत्रालय ने हत्या की परिस्थितियों की जांच के लिए एक टीम गठित की है.

कौन है ओम फहाद?
ओम फहाद का असली नाम गुफरान सावादी है, वो टिकटॉक पर पॉप म्यूजिक पर डांस करते हुए वीडियो पोस्ट करती थीं. टिकटॉक पर उनके आधे मिलियन से ज्यादा फॉलोवर्स हैं. उनके कुछ वीडियो को 10 लाख से ज्यादा बार देखा गया. फरवरी 2023 में उन्हें एक निचली अदालत ने 6 महीने की सजा सुनाई थी. उन पर वीडियो में अशोभनीय भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगा था.

अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, उसने एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म बनाया है जहां पर इराकी यूजर्स को ऐसी किसी भी तरह की सामग्री को हटाए जाने की रिपोर्ट करने के लिए प्रोत्साहित किया गया. अधिकारियों ने उस समय दावा किया कि जनता ने इस प्लेटफॉर्म का स्वागत किया था और हजारों रिपोर्ट्स दर्ज की गईं. वहीं, मंत्रालय की सख्ती के बाद कुछ ऑनलाइन कंटेट क्रिएटर को माफी मांगने और अपने कुछ कंटेट को हटाने पर मजबूर होना पड़ा.

जनवरी 2023 में इराकी आंतरिक मंत्रालय द्वारा इराकी समाज में “नैतिकता और पारिवारिक परंपराओं” की रक्षा के लिए एक कथित प्रयास में ओम फहद जैसे प्रभावशाली लोगों द्वारा ऑनलाइन पोस्ट की गई “अश्लील और अपमानजनक सामग्री” की खोज के लिए एक समिति शुरू करने के बाद ऐसा हुआ था.

अल जज़ीरा ने बताया कि उसने एक ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म भी बनाया है जहां इराकी यूजर को ऐसी किसी भी कॉन्टेंट को हटाए जाने की रिपोर्ट करने के लिए प्रोत्साहित किया गया था. अधिकारियों ने उस समय दावा किया कि जनता ने मंच का स्वागत किया और जनता द्वारा हजारों रिपोर्टें दर्ज की गईं.

मंत्रालय की सख्ती के बाद कुछ ऑनलाइन क्रिएटर्स को माफी मांगने और अपनी कुछ पोस्ट हटाने के लिए मजबूर होना पड़ा था. जिनेवा स्थित यूरो-मेड ह्यूमन राइट्स मॉनिटर ने पिछले साल एक रिपोर्ट में कहा था कि उसे ओम फहद पर अभियोग लगाने का कोई आधार नहीं मिला.

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