ग्लास्गो में पीओके के कार्यकर्ता अमजद अयूब ने भारत से की विशेष अपील
भारत संयुक्त राष्ट्र में उठाए PoK का मुद्दा, मुजफ्फराबाद में पाकिस्तान के खिलाफ भड़के लोग

मुजफ्फराबाद: पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में सुरक्षाबलों के साथ हिंसक झड़पें बढ़ गई हैं। इस बीच पीओके के राजनीतिक कार्यकर्ता अमजद अयूब मिर्जा ने भारत सरकार से अपील की है कि भारत पाकिस्तान के राजदूत को तलब करे और उनसे स्पष्टीकरण मांगे। मिर्जा ने कहा कि मुजफ्फराबाद की स्थिति बहुत गंभीर है। दरअसल, सोमवार को मुजफ्फराबाद में हजारों स्थानीय लोग प्रदर्शन कर रहे थे तभी पाकिस्तानी रेंजर्स ने गोलीबारी कर दी।
भारत सरकार से अपील- यूएन में उठाएं मुद्दा
मिर्जा ने सोमवार को एक वीडियो बयान जारी किया। वीडियो में उन्होंने कहा कि आज सुबह लगभग पांच लाख लोग मुजफ्फराबाद और आसपास के शहरों में बिजली बिलों पर करों, सब्सिडी में कटौती का विरोध कर रहे थे। उनकी मांग थी कि कि सरकार प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के भत्तों और विशेषाधिकारों को समाप्त करे।
मिर्जा ने वैश्विक समर्थन के लिए आग्रह किया है। उन्होंने भारत सरकार से अनुरोध किया कि संयुक्त राष्ट्र में पीओके का मुद्दा उठाया जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि भारतीय विदेश मंत्रालय पाकिस्तान के राजदूत को तलब करे और उनसे पीओके में हो रही हिंसा पर जवाब मांगे। मिर्जा ने दावा किया पीओके में दिनदहाड़े हत्याएं हो रही हैं। हमारी जान खतरे में है।
संघर्ष में तीन लोगों की मौत
मिर्जा ने बताया कि प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए रेंजर्स ने लाठीचार्ज की लॉन्ग मार्च को रोकने की कोशिश की। हालांकि, जैसे ही प्रदर्शनकारियों ने पलटवार किया, वैसे ही रेंजर्स पीछे हट गए। थोड़ी देर बाद वे भारी संख्या में दोबारा आ गए। मिर्जा ने वीडियो संदेश में बताया कि रेंजर्स की गोलीबारी में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई है। 19 से अधिक घायल हैं। मिर्जा ने आशंका जताई है कि मृतकों वालों की संख्या बढ़ सकती है। क्षेत्र में इंटरनेट पूरी तरह से बंद है। वे एक निराशाजनक स्थिति में हैं। हालांकि, इन सबसे के बीच पीओके सरकार ने घोषणा की कि वे आवामी एक्शन कमेटी की सभी मांगों को स्वीकार कर हुए एक समझौते पर पहुंच गए हैं।
प्रदर्शनकारियों की मांगें
– गिलगित-बाल्टिस्तान की तर्ज पर गेहूं की सब्सिडी दी जाए।
– मंगला डैम सेबननेवाली बिजली की लागत के आधार पर ही बिल लिया जाए।
– पंजाब के अधिकारियों को मिलने वाले अधिक वेतन और भत्तों को वापस लिया जाए।
– छात्र यूनियनों पर बैन हटे और चुनाव कराए जाएं।
– पीओके में जम्मू-कश्मीर बैंक को भी अधिसूचित किया जाए।
– स्थानीय निकायों के प्रतिनिधियों को उचित फंड और शक्तियां मिलें।
– सेलुलर कंपनियों और इंटरनेट के रेटों को भी उचित किया जाए।
– प्रॉपर्टी ट्रांसफर टैक्स कम किया जाए।
– जवाबदेही ब्यूरो का गठन किया जाए और गलती करने वाले लोगों पर कार्रवाई की जाए।
– स्थानीय स्तर पर उद्योगों को बढ़ावा मिले और पेड़ों को काटने पर पाबंदी लगाई जाए।
कौन कर रहा प्रदर्शन
पाकिस्तान में यह प्रदर्शन जम्मू-कश्मीर अवामी एक्शन कमेटी (जेएएसी) के बैनर तले हो रहा है। इस कमेटी में सबसे अधिक संख्या छोटे कारोबारियों की है।
कमेटी की ओर से पिछले पांच दिनों से प्रदर्शन जारी है। पहले स्थानीय कारोबारियों ने अपनी दुकानों को बंद किया और इसके बाद हड़ताल का ऐलान कर दिया। कमेटी की ओर से मुजफ्फराबाद के लिए मार्च भी निकाला गया।