अमेरिकी टैरिफ के चलते चीन में बेराजगारी बढ़ी

बंद हो रहे कारखाने, कर्मचारियों को नहीं मिल रही सैलरी, सड़कों पर उतरे श्रमिक

चीन में सैलरी न मिलने की वजह से मजदूरों का विरोध प्रदर्शन बढ़ता जा रहा है और अब वे सड़कों पर उतर रहे हैं। आर्थिक मंदी के बीच चीनी वस्तुओं पर अमेरिकी टैरिफ की वजह से फैक्ट्रियां बंद हो रही हैं, जिससे बड़ी संख्या में मजदूर प्रभावित हो रहे हैं।

रेडियो फ्री एशिया (RFA) की रिपोर्ट के मुताबिक, हुनान प्रांत के दाओ काउंटी से लेकर सिचुआन के सुइनिंग और इनर मंगोलिया के टोंगलियाओ तक, बड़ी संख्या में कर्मचारी बकाया वेतन को लेकर अपनी शिकायतें व्यक्त करने और अमेरिकी टैरिफ के कारण मजबूरन बंद हो रहे कारखानों में अनुचित छंटनी का विरोध करने के लिए सड़कों पर उतर आए हैं।

चीन में 1.6 करोड़ नौकरियों पर मंडरा रहा खतरा
RFA रिपोर्ट के अनुसार, मजदूरों ने दावा किया कि फ्लैक्सिबल सर्किट बोर्ड बनाने वाली सिचुआन स्थित कंपनी ने साल की शुरुआत से ही उनके वेतन का मुआवजा नहीं दिया और जून 2023 से लगभग दो साल के लिए सामाजिक सुरक्षा लाभ भी रोक रखे हैं।

अमेरिकी इंवेस्टमेंट बैंक गोल्डमैन सैक्स के एक्सपर्ट्स के अनुमान के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीनी आयात पर 145% टैरिफ लागू करने के कारण चीन के अलग-अलग क्षेत्रों में कम से कम 1.6 करोड़ नौकरियां खतरे में हैं। उनका अनुमान है कि ट्रंप प्रशासन द्वारा बढ़ाए गए टैरिफ चीनी अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित करेंगे, धीमी आर्थिक वृद्धि से श्रम बाजार खासकर निर्यात से जुड़े उद्योगों पर और दबाव पड़ने का खतरा है।

प्रवासी मजदूरों ने लोकल प्रोजेक्ट ऑफिस में दर्ज कराई शिकायत
इस हफ्ते की शुरुआत में, उत्तर-पश्चिमी शानक्सी प्रांत के शीआन प्रान्त में स्थित तुआंजी गांव में एक दर्जन से ज्यादा प्रवासी मजदूरों ने एक लोकल प्रोजेक्ट ऑफिस में अपनी चिंता व्यक्त की, जिसमें कहा गया कि उन्हें फरवरी 2025 से वेतन नहीं मिला है।

24 अप्रैल को, दाओ काउंटी में गुआंगक्सिन स्पोर्ट्स गुड्स के सैकड़ों कर्मचारियों ने हड़ताल का आयोजन किया, क्योंकि कंपनी के कारखाने ने उनके बकाया मुआवजे या सामाजिक सुरक्षा लाभ प्रदान किए बिना उन्हें बंद कर दिया।

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