लोकसभा चुनाव से पहले Youtube सख्त
AI से Video बनाने पर क्रिएटर्स को लगाना होगा लेबल

यू-ट्यूब ने इस हफ्ते एक नया टूल लॉन्च किया है. अब वीडियो बनाने वालों को ये बताना होगा कि वो जो वीडियो दिखा रहे हैं वो असली हैं या कंप्यूटर प्रोग्राम AI.
भारत और अमेरिका में इस साल इलेक्शन्स हैं और कंटेंट के कारण एआई टारगेट पर है. ऐसे में यूट्यूब को चेक करना होगा कि जो एआई जनरेटेड वीडियो पोस्ट हुआ है, उसमें लेबल लगा है या नहीं। यूट्यूब पर मौजूद कंटेंट से जुड़ी कुछ और परेशानियां भी हैं जिन्हें मैनेज करना मुश्किल है. लेकिन उम्मीद है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जमाने में ये चीजें बेहतर तरीके से मैनेज की जा सकेंगी.
(AI) की मदद से बनाए गए हैं. ये लेबल सिर्फ लंबे वीडियो के लिए ही नहीं बल्कि छोटे वीडियो के लिए भी जरूरी होंगे।
अब उन विडियो को लेबल करने की मांग कर रहा है जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से बनाए गए हैं. ये लेबल इसलिए जरूरी हैं क्योंकि कई बार (AI)की मदद से बनाए गए विडियो असली दिखते हैं, जिससे लोगों को गुमराह किया जा सकता है. यू-ट्यूब चाहता है कि आप ये साफ-साफ देख सकें कि जो विडियो आप देख रहे हैं वो असली है या AI की मदद से बनाया गया है, इसीलिए वो वीडियो बनाने वालों से कह रहा है कि वे खुद ही अपने विडियो को लेबल करें।
शॉर्ट्स में भी देना पड़ेगा लेबल
हालांकि, अगर वीडियो में सिर्फ थोड़ा बहुत बदलाव किया गया है, जैसे फिल्टर लगाना या बैकग्राउंड ब्लर करना, तो उनके लिए अलग से लेबल लगाने की जरूरत नहीं होगी।
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स परेशान
ये बड़े ऑनलाइन प्लेटफॉर्म अब परेशान हैं क्योंकि लोग AI की मदद से गलत खबरें और फेक न्यूज फैला सकते हैं. सरकार का कहना साफ है कि इन कंपनियों को खुद ही आगे बढ़कर ऐसी चीजों को रोकने का तरीका ढूंढना होगा।