यूपी पुलिस भर्ती पेपर लीक का मास्‍टर माइंड अरेस्‍ट

राजीव नयन के बाद रवि अत्रि भी गिरफ्तार: एसटीएफ

लखनऊ: पुलिस कॉन्‍स्‍टेबल भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में लगातार कार्रवाईयों का सिलसिला जारी है। यूपी एसटीएफ ने हाल ही में मुख्य आरोपियों में शामिल राजीव नयन मिश्रा को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की थी। इस मामले में एसटीएफ अबतक कई आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेज चुकी है। इसी क्रम में यूपी पुलिस भर्ती 2023 का पेपर लीक के मास्‍टरमाइंड और वांछित रवि अत्रि को गिरफ्तार कर लिया है। पेपर लीक मामले में एसटीएफ ने मेरठ, वाराणसी, झांसी, आगरा समेत 12 जिलों में कुल 12 केस दर्ज कराए थे।

गिरफ्तार किए गए रवि अत्री ने पूछताछ में बताया कि वह 2007 में मेडिकल की तैयारी करने के लिए राजस्थान कोटा गया था। यहां वह नकल माफिया के संपर्क में आ गया था। परीक्षा माफिया के संपर्क में आते ही रवि अत्री भर्ती परीक्षाओं में सॉल्वर के रूप में दूसरे के स्थान पर बैठने लगा था। रवि अत्रि ने 2012 में एचपीएमटी की परीक्षा पास करने के बाद उसका एडमिशन पीजीआईएमएस रोहतक हरियाणा में हो गया था। 2012 में नीट पीजी की परीक्षा और एसबीआई का पेपर लीक मामले में जेल गया था। इतना ही नहीं, 2015 में एआईपीएमटी का पेपर आउट कराने के मामले में अपने साथियों के साथ जेल जा चुका है।

एसटीएफ की पूछताछ में हुए चौंकाने वाले खुलासे
पूछताछ में समाने आया कि रवि अत्रि ने अंकित मिश्रा से पेपर आने की सूचना देने के एवज में मोटी रकम देने की बात कही थी। अंकित टीसीआई, गति, ब्लू डाट ट्रांसपोर्ट कंपनी में नौकरी लगवाता था। रवि को मालूम था कि इस टाइप की ट्रांसपोर्ट कंपनी से पेपर आता है जिसके चलते उसने अंकित से दोस्ती कर ली थी। अंकित ने ही टीसीआई कम्पनी में काम करने वाले अभिषेक शुक्ला की रवि अत्रि से फोन पर बात कराई थी। अभिषेक से बात करने के बाद रवि अत्रि उसे हर महीने 20-30 हजार रुपए देने लगा था। अबतक दोनों लोगों को 10-15 लाख रुपये दे चुका है। वहीं आरओ-एआरओ और पुलिस भर्ती परीक्षा की डेट आते ही रवि अत्रि अहमदाबाद के एक होटल में रुककर रेकी करने लगा था।

शिवम गिरी ने ट्रंक बॉक्स की फोटो अभिषेक को भेजी
उधर अभिषेक ने टीसीआई में काम करने वाले शिवम गिरी और रोहित कुमार पांडे से बोला था कि जैसे ही पेपर आए मुझे बता देना। 1 फरवरी को शिवम गिरी ने अभिषेक को बताया कि शायद यूपी पुलिस का माल आ गया है। वहीं अभिषेक ने यह बात रवि अत्रि को बताई तो रवि ने उससे कहा कि शिवम गिरी से कहकर बॉक्स की फोटो मंगवा लो। 3 फरवरी को अभिषेक और रवि अत्रि दोनों अहमदाबाद पहुंच गए थे। 4 फरवरी को शिवम गिरी ने ट्रंक बॉक्स की फोटो खींचकर अभिषेक शुक्ला को भेजी। उसी फोटो को अभिषेक ने रवि अत्रि को भेजा था। वहीं, रवि अत्री ने राजीव नयन मिश्रा को कॉल करके सारी बात बताई और बॉक्स की फोटो भी भेजी थी।

राजीव ने अभिषेक से पेपर निकलवाने के लिए कहा
रवि अत्रि ने अभिषेक शुक्ला की बात राजीव नयन मिश्रा से कराई। उस दौरान राजीव ने अभिषेक से किसी भी तरह यूपी पुलिस भर्ती का पेपर निकलवाने की बात कही थी। रवि और राजीव ने अभिषेक से कहा कि अगर यह काम हो गया तो तुम्हें इतना पैसा मिलेगा कि जीवन में और कुछ करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। साथ में सरकारी नौकरी भी लगवाने की बात कही गई थी। 5 फरवरी को राजीव नयन ने भोपाल से अहमदाबाद पहुंचकर 3 लाख ₹ शिवम गिरी के खाते में डाल दिए थे। 5 तारीख को ही रवि ने पटना के रहने वाले डॉक्टर शुभम मंडल को कॉल करके सारी बात बताई और उसे अहमदबाद आने को कहा। वह बॉक्स खोलना में एक्सपर्ट था। डॉ शुभम उसी दिन रात में ही फ्लाइट से अहमदाबाद पहुंच गया था। इसके एवज में रवि ने डॉक्टर शुभम को 2 लाख रुपए दिए थे बाकी पैसा कम होने के बाद देने के लिए कहा था।

कई लोगों को भेजा गया था यूपी पुलिस का पेपर
एसटीएफ की पूछताछ में सामने आया कि राजीव नयन मिश्रा व रवि अत्रि के साथियों ने यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा 2024 के प्रश्न पत्र को विक्रम पहला, मोनू ढाकला, विक्रम दहिया, महेंद्र शर्मा, गौरव चौधरी, मोनू पंडित, सतीश धनखड़ जो कि नेचर वेली रिसोर्ट का मालिक है, नीटू, धीरज उर्फ गोल्डी, अनिल सिंह, पुष्कर पांडे, संजय कुशवाहा, कामेश्वर मौर्य, अजय जायसवाल, अजीत चौहान, सुभाष प्रकाश समेत कई लोगों को दिया था। यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा का पेपर नेचर वैली रिजॉर्ट, मानेसर, हरियाणा एवं सर महाशक्ति होटल एवं रिजॉर्ट, रीवा, मध्य प्रदेश में अभ्यर्थियों को पढ़वाया गया था।

राजीव नयन के RO-ARO पेपर लीक से जुड़े तार
वहीं आरओ-एआरओ पेपर लीक में सामने आया कि कि ये पेपर 10 फरवरी को सुभाष प्रकाश, जोकि मधुबन बिहार के रहने वाले हैं उन्होंने, राजीव नयन मिश्रा को वॉट्सएप पर भेजा था। फिर उसने विक्रम बहल उर्फ हवलदार को पेपर भेज दिया था। विक्रम बहल उर्फ हवलदार ने गाजियाबाद में लगभग 20 अभ्यर्थियों को पेपर पढ़ाया था। उन लोगों ने लखनऊ के डॉक्टर शरद को पेपर भेजा था जिसको डॉक्टर शरद ने कई अभ्यर्थियों को पढ़ाया था। वहीं यूपी एसटीएफ द्वारा पेपर लीक और प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल कराने वाले गिरोह के अन्य सदस्यों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button