उमर अब्दुल्ला: हल्के में नहीं ले रहा इलेक्शन को

कहा- ⁠राम मंदिर का इस्तेमाल कर बीजेपी आचार संहिता का उल्लंघन कर रही

श्रीनगर: नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला इस बार बारामूला लोकसभा सीट से ताल ठोक रहे हैं. चुनाव से पहले उन्होंने ने मीडिया से बात करते हुये कहा- मैं कॉन्फिडेंट हूं, लेकिन ओवर कॉन्फिडेंट नहीं.

उन्होंने पीडीसी से गठबंधन टूटने का कारण भी बताया.
अब्दुल्ला ने सीएए को लेकर कहा कि यह सिर्फ मजहब के नाम पर लाया गया है. संविधान में कहां लिखा है कि आप मजहब के नाम पर कोई कानून ले आएं? ⁠राम मंदिर का इस्तेमाल करके बीजेपी आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन कर रही है.

उमर अब्दुल्ला ने कहा कि मुझे चुनाव लड़ाने का फैसला पार्टी ने किया है. इसलिए मैं खुद लड़ रहा हूं. मैं जीत को लेकर आश्वस्त हूं लेकिन इलेक्शन को हल्के में नहीं ले रहा. ⁠मैं किसी भी चुनाव को आसान नहीं समझता, मैं कॉन्फिडेंट हूं, लेकिन ओवर कॉन्फिडेंट नहीं.

‘आर्टिकल 370 है सबसे बड़ा मुद्दा’
नेशनल कॉन्फ्रेंस के दिग्गज नेता अब्दुल्ला ने ⁠कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बीजेपी के फैसले को लेकर कहा कि यह इस बार चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा है. लोग इसे ध्यान में रखकर वोट करेंगे.

गठबंधन टूटने के लिए PDP जिम्मेदार
उमर अब्दुल्ला ने पीडीपी से गठबंधन टूटने पर भी खुलकर बात की. उन्होंने इस ⁠गठबंधन को तोड़ने के लिए पीडीपी को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि ⁠पीडीपी से गठबंधन इसलिए टूटा क्योंकि पीडीपी ने डीडीसी फॉर्मूला पार्लियामेंट नहीं माना. हमने कांग्रेस से बोला था कि अगर पीडीपी इस बार हमारी मदद करती है तो हम विधानसभा ने उनके साथ सीट शेयरिंग करेंगे.

‘मोदी सरकार ने हमे हमारा हक छीना है’
⁠उन्होंने कहा कि कश्मीर के लोग दिल के अंदर भरे बैठे हैं और वो तब फटेगा जब वे इस बार वोट करेंगे. ⁠नरेंद्र मोदी सरकार ने हमसे हमारा हक छीना. चुनाव की बात करके पीएम कोई अहसान नहीं कर रहे हैं. यह पहले क्यों नहीं कराया, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चुनाव क्यों.

बीजेपी और आजाद पर भी साधा निशाना
अब्दुल्ला ने कहा कि ⁠भाजपा अगर विकास की बात करती है तो खुद कहां है भाजपा? वह जम्मू कश्मीर में क्यों सज्जाद लोन और आज़ाद के माध्यम से लड़ रही है. उन्होंने गुलाम नबी आजाद पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि बीजेपी के कहने पर ही आजाद चुनाव लड़ रहे हैं, नहीं तो इतना बड़ा नेता ऐसा क्यों करता.

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