अहमदाबाद हवाई अड्डे पर चार ISIS आतंकवादी गिरफ्तार

चारों श्रीलंकाई नागरिक; गुजरात एटीएस की कार्रवाई

अहमदाबाद: गुजरात के डीजीपी विकाश सहाय ने बताया, ‘सूचना मिली थी कि चार लोग मोहम्मद नुसरत, मोहम्मद नुफ्रान, मोहम्मद फारिस और मोहम्मद राजदीन श्रीलंकाई नागरिक हैं और प्रतिबंधित आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के सक्रिय सदस्य हैं। सभी आईएसआईएस विचारधारा से कट्टरपंथी हैं। वे आतंकवादी हमले को अंजाम देने के लिए भारत आने वाले थे।’ चारों आतंकी श्रीलंकाई नागरिक बताए जा रहे हैं। गुजरात आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) की ओर से यह कार्रवाई की गई है। गुजरात एटीएस ने सोमवार को बताया कि उसने सरदार वल्लभभाई पटेल हवाई अड्डे से चार आतंकियो को गिरफ्तार किया है। हालांकि, गिरफ्तारी किस मामले में की गई है, इसकी जानकारी अभी सामने नहीं आई है।

पिछले साल अगस्त में एटीएस ने अलकायदा से कथित संबंधों के आरोप में राजकोट से तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। प्रथम दृष्टया वे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन के लिए लोगों को कट्टरपंथी बनाने और भर्ती करने के लिए एक बांग्लादेशी हैंडलर के लिए काम कर रहे थे।

गुजरात के डीजीपी विकाश सहाय ने बताया, ‘सूचना मिली थी कि चार लोग मोहम्मद नुसरत, मोहम्मद नुफ्रान, मोहम्मद फारिस और मोहम्मद राजदीन श्रीलंकाई नागरिक हैं और प्रतिबंधित आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के सक्रिय सदस्य हैं। सभी आईएसआईएस विचारधारा से कट्टरपंथी हैं। वे आतंकवादी हमले को अंजाम देने के लिए भारत आने वाले थे।’

जानकारी के मुताबिक, वे 18 या 19 मई को रेलवे या फ्लाइट से अहमदाबाद पहुंचने वाले थे। प्राप्त जानकारी के आधार पर रणनीति बनाई गई और दक्षिण से आने वाली ट्रेनों और उड़ानों की यात्री सूची पर नजर बनाई गई। सभी चार लोग इंडिगो की उड़ान से एक ही पीएनआर नंबर पर चेन्नई से अहमदाबाद की यात्रा कर रहे थे। पुष्टि के लिए कोलंबो से भी सत्यापन किया गया है।

उन्होंने बताया कि फरवरी 2024 से ये चार लोग अबू नाम के एक शख्स के संपर्क में थे, जो पाकिस्तान में रहता है और आईएसआईएस नेता है। वे सोशल मीडिया के जरिए उसके संपर्क में थे। अबू ने उन्हें भारत में आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए उकसाया। वे इतने कट्टरपंथी थे कि आत्मघाती बम विस्फोट के लिए भी तैयार हो गए।

पाकिस्तानी निवासी अबू ने उन्हें श्रीलंकाई मुद्रा में चार लाख रुपये भी दिए। उनके पास से दो मोबाइल फोन बरामद हुए हैं। फोन में उनके खिलाफ सबूत के लिए तमाम तस्वीरें और वीडियो हैं। मोबाइल फोन में अहमदाबाद के पास नाना चिलोडा क्षेत्र की एक तस्वीर थी। इससे पता चला कि यहां आतंकवादी हमले को अंजाम देने के लिए गोला-बारूद छिपाया गया था। यहां से पाकिस्तान निर्मित गोला-बारूद बरामद किया गया है। तीन पाकिस्तान निर्मित पिस्तौल और 20 सक्रिय कारतूस भी बरामद की गई हैं।

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